जमुई (Jamui), 13 मई 2023 : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार नई दिल्ली के निर्देश पर शनिवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के बैनर तले एक दिवसीय राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार सिंह , जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह , पुलिस अधीक्षक डॉ. शौर्य सुमन , जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष अश्विनी कुमार यादव , जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव पवन कुमार समेत अन्य न्यायिक पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सिंह ने इस अवसर पर कहा कि आयोजित लोक अदालत का मकसद छोटे से छोटे वादों का आपसी समझौता के आधार पर निपटारा कर लोगों को सम्मान की जिदगी जीने का अवसर देना है। कहा कि नियमित अदालतों में दिन - ब - दिन मुकदमों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसके कारण लोगों को समय से न्याय नहीं मिल पाता है। राष्ट्रीय लोक अदालत न्यायालय की लंबी प्रक्रिया और खर्च से बचने का एक सरल उपाय है।
कहा कि लोक अदालत न्याय का एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां न कोई पक्षकार होता है और ना ही कोई प्रतिवादी। ना किसी की हार होती है और ना ही किसी की जीत। बस आपसी समझौता के आधार पर दोनों पक्ष विजयी होते हैं। जबकि अदालती प्रक्रिया में एक की हार तो दूसरी की जीत होती है। लोग सकारात्मक सोच के साथ इसका लाभ उठाएं ताकि अदालत पर खर्च की जाने वाली राशि का उपयोग वे अपने परिवार के उत्थान में कर सकें। उन्होंने इसे पक्षकारों के लिए अत्यंत लाभकारी करार दिया।
जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि लोक अदालत एक ऐसी अदालत है जिसमें मामलों का निपटारा पक्षकारों की पारस्परिक सहमति से किया जाता है। इसका मकसद न्याय आपके लिए होता है। इस अदालत में ना कोई पक्षकार होता है और ना ही कोई प्रतिवादी बस आपसी समझौते के आधार पर न्यायालय मुहर लगा देती है और मामला रफा दफा हो जाता है। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा मामलों के निस्तारण के लिए अधिवक्ताओं से सकारात्मक सहयोग की अपील की
पुलिस अधीक्षक डॉ. शौर्य सुमन ने कहा कि लोक अदालत लोकतंत्र का एक ऐसा मजबूत मंच है , जहां दोनों पक्षों को बिठाकर उनके बीच समझाइश से प्रकरणों का खात्मा किया जाता है। सुलह - समझौता के बाद दोनों पक्षों में पुनः स्नेह , सौहार्द और बंधुत्व का भाव उत्पन्न हो जाता है। उन्होंने भी पक्षकारों को लोक अदालत की शरण में आने की सलाह दी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव पवन कुमार ने मौके पर मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि लोक अदालत का निर्णय मूलतः अंतिम होता है। इसकी आगे कोई अपील नहीं होती है। साथ ही मामले के निस्तारण पर पक्षकार अपना न्याय शुल्क वापस भी ले सकते हैं। उन्होंने इसके महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला और पक्षकारों को इसमें आने की सलाह दी।
जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष अश्विनी कुमार यादव ने कहा कि लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति और रजामंदी से प्रकरणों को निस्तारित किया जाता है। यहां पक्षकारों को शीघ्र और सुलभ न्याय , कोई अपील नहीं , सिविल कोर्ट के आदेश की तरह पालना , अंतिम रूप से निपटारा , समय की बचत जैसे लाभ मिलते हैं।
राष्ट्रीय लोक अदालत से संबंधित उद्घाटन सत्र का मंच संचालन जिला उद्घोषक सह जिला संवाददाता डॉ. निरंजन कुमार ने किया और खूब वाहवाही लूटी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने डॉ. निरंजन कुमार के द्वारा किए गए मंच संचालन की तारीफ की और उन्हें अशेष शुभकामना दी।
आयोजित लोक अदालत में समाचार प्रेषण तक एक हजार से अधिक प्रकरणों का निपटारा आपसी रजामंदी के आधार पर किया जा चुका है। लोक अदालत से संबंधित न्यायिक कार्य जारी है। इस अवसर पर अधिकांश न्यायिक पदाधिकारी , विद्वान अधिवक्ता एवं भारी संख्या में पक्षकार उपस्थित थे।
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