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बिहार में राजपूत राजनीति की धुरी बन गए हैं पूर्व सीएम राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई डॉ. सुनील कुमार सिंह



पटना/बिहार (Patna/Bihar), 5 अप्रैल

✓ अनूप नारायण सिंह 

अगर आप बिहार से है तो डॉक्टर सुनील कुमार सिंह को जानते भी होंगे और पहचानते भी होंगे। जी हां हम बात कर रहे हैं बिस्कोमान के चेयरमैन तथा राजद के विधान पार्षद डॉ सुनील कुमार सिंह की। जो वर्तमान समय में बिहार के स्वर्ण जातियों में सबसे ज्यादा प्रखर राजपूत बिरादरी की राजनीति के केंद्र बिंदु बन गए है। 


गैर राजनीतिक परिवार से आने वाले डॉक्टर सुनील कुमार सिंह ने अपने सुचिता समर्पण और ईमानदारी के बल पर राजद में एक बड़ी पहचान बनाई है। लालू परिवार के हनुमान के रूप में चर्चित डॉ सुनील कुमार सिंह विवादों से काफी दूर रहे है।


 राजनीति में तुरंत पद पावर प्रतिष्ठा चाहने वाले लोगों के लिए भी एक बड़ी मिसाल बने हैं डॉक्टर सुनील कुमार सिंह जो विगत कई दशकों से लालू परिवार के प्रति पूर्णतः समर्पित है। देश के सहकारिता जगत में भी एक बड़ा नाम है डॉक्टर सुनील कुमार सिंह बरसों से बिस्कोमान के चेयरमैन है राजद ने इन्हें विधान पार्षद बनाया है साथ ही साथ पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी है।


 महागठबंधन सरकार बनने के बाद डॉ सुनील कुमार सिंह राजपूत कोठी से बिहार मंत्रिमंडल में सबसे उपरोक्त नाम के रूप में भी सामने आए पर कभी भी उन्होंने अपने पार्टी हाईकमान के सामने मंत्री पद की चाहत नहीं रखी पापी के समर्पित कार्यकर्ता की भांति पार्टी के निर्णय के साथ खड़े रहे किसी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर कभी भी उन्होंने पद की चाहत जाहिर नहीं की। 


बिहार विधान परिषद में राजद ने इन्हें सत्ताधारी दल का मुख्य उप सचेतक बनाया है। सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा और लालू परिवार का कोई व्यक्ति सारण लोकसभा क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ता है तो राजद डॉक्टर सुनील कुमार सिंह पर भी दाव लगा सकती हैं। 


दूसरी तरफ यह भी चर्चा है कि महा गठबंधन सरकार के नए मंत्रिमंडल विस्तार में डॉक्टर सुनील कुमार सिंह को राजपूत कोटे से अति महत्वपूर्ण विभाग भी मिल सकता है

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