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शुक्रवार, 13 जनवरी 2023

एमपी चिराग पासवान को मिली जेड श्रेणी सुरक्षा, आईबी की रिपोर्ट के बाद हुआ फैसला

जमुई (Jamui), 13 जनवरी : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (Lok Janshakti Party Ramvilas) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान (Jamui MP Chirag Paswan) को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। मंत्रालय ने उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराएगी। चिराग की सुरक्षा में कुल 33 सुरक्षागार्ड तैनात होंगे। आईबी की थ्रेट परसेप्शन रिपोर्ट के आधार पर पासवान को यह सुरक्षा दी जा रही है।

सर्वविदित है कि एलजेपी के पासवान गुट ने आईबी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय से चिराग पासवान की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी। इसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इससे पहले आईबी की रिपोर्ट में चिराग को बिहार में जान का खतरा बताया गया था, इसलिए उन्हें बिहार में जेड श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने का निर्णय लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि चिराग की सुरक्षा में कुल 33 सुरक्षागार्ड तैनात रहेंगे। इनके साथ ही 10 आर्म्ड स्टैटिक गार्ड वीआईपी के घर पर रहेंगे। इसके अलावा 06 राउंड द क्लॉक पीएसओ , तीन शिफ्ट में आर्म्ड स्कॉर्ट के 12 कमांडो , वाचर्स शिफ्ट में 02 कमांडो और 03 ट्रेंड ड्राइवर राउंड द क्लॉक मौजूद रहेंगे। चिराग पासवान को जेड श्रेणी की सुरक्षा केन्द्र सरकार ने दी है। 
इधर चिराग को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलने के बाद इसके राजनीतिक मायने भी निकलने शुरू हो गए हैं। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा शुरू हो गयी है कि चिराग जल्द ही मोदी कैबिनेट में शामिल होंगे , इसलिए इन्हें यह सुरक्षा मुहैया कराई गई गई है।

इसके साथ ही चिराग के कुछ महीने पहले केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात को भी इससे जोड़ कर देखा जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि चिराग पासवान अभी जिस तरह से बिहार में काम कर रहे हैं उससे बीजेपी को अधिक फायदा हो रहा है। इसी कारण उनको भाजपा अब मोदी कैबिनेट में जगह देने जा रही है। 

गौरतलब है कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान दलितों और महादलितों को एकजुट कर नीतीश के खिलाफ उन्हें गोलबंद कर रहे हैं। इसके लिए चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इलाके नालंदा को पार्टी का बेस बनाने के लिए चुना है। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर लगा चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चिराग पासवान की सक्रियता के पीछे इसे सियासत का समर्थन माना जा रहा है।

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