जमुई : खैरमा पहुंची 352वीं साइकिल यात्रा, फल-लकड़ी के पौधों का हुआ रोपण

जमुई (Jamui), 3 अक्टूबर : रविवार को साईकिल यात्रा एक विचार मंच के सदस्यों द्वारा 352वीं यात्रा जमुई प्रखण्ड परिसर से निकलकर खैरमा ग्राम तक कि यात्रा तय की गई। ग्रामीण उचित कुमार आर्या के निजी भूमि के चारो ओर सुरक्षित स्थान पर गमहार, महुगुणी, नींबू, अनार, अमरूद, नीम जैसे फल और लकड़ी के पौधों का  रोपण किया गया।

इस मौके पर मंच के सदस्य सिंटू कुमार ने कहा कि मुझे यह बताते हुए बहुत दुःख होता है कि मनुष्य प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भूल गया है। पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन तभी मौजूद होता है जब की प्रत्येक इकाई संतुलित अवस्था में हो। हमें पौधों को कटने और विलुप्त होने से बचाने का प्रयास करना चाहिए और अधिक से अधिक पौधे लगाने और जंगलों के फैलाने में सहयोग करना चाहिए।

विचार मंच के सदस्य प्रवेश कुमार, मनीष कुमार एवं विशाल कुमार ने बताया मनुष्य और प्रकृति का संबंध शाश्वत है। प्रकृति मनुष्य की साथी है। दोनों एक दूसरे के पूरक और पोषण करते हैं। मनुष्य ने प्रकृति में जन्म लिया है और उसके संरक्षण में बड़ा हुआ है, उसी तरह पेड़ और पौधे भी मनुष्य के संरक्षण में बढ़ते हैं। प्रकृति ने मनुष्य की विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति की है। मनुष्य जीवन भर पेड़ों पर निर्भर है।
सदस्यों ने कहा कि पेड़-पौधे न केवल मनुष्य के लिए बल्कि आवश्यक भी हैं। जैसे-जैसे सभ्यता आगे बढ़ी, मनुष्य की रहने, खाने-पीने की जरूरतें बढ़ती गईं। पेड़-पौधे जीवन को झूले पर झूलते हैं, इसलिए पेड़-पौधे बुढ़ापे की लाठी बनकर सहारा देते हैं। हमें अनाज, फल, फूल, जड़ी-बूटी, ईंधन, इमारती लकड़ी आदि चीजें पेड़-पौधों से ही मिलती हैं के आलावा हमें हमें शुद्ध हवा देते हैं।

इस यात्रा में साइकिल यात्रा एक विचार मंच के सदस्य आकाश कुमार ठाकुर, हरेराम कुमार सिंह, संदीप कुमार रंजन, सिंटू कुमार, विशाल कुमार, प्रवेश कुमार, मनीष कुमार, सोनु कुमार, संजय कुमार सहित अन्य लोग शामिल हुए।

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