★ रिपोर्ट : सुशांत साईं सुंदरम
गिद्धौर के चंदेल शासकों द्वारा नागी, नकटी व उलाई नदी के संगम तट पर निर्मित दुर्गा मंदिर में आश्विन मास के विजयादशमी के उपरांत शरद पूर्णिमा के अवसर पर माँ महालक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर आराधना करने का कार्यक्रम सदियों से होता आ रहा है।
इसी परंपरा को कायम रखते हुए आचार्य बिभूति नाथ झा द्वारा घोषित पूजा तिथि रविवार, 9 अक्टूबर को विधिवत प्राण प्रतिष्ठा कर पूजा की गई।
प्रतिमा निर्माण इलाके के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार राजकुमार रावत ने किया। पूजन कार्यक्रम बैद्यनाथ धाम देवघर से आये आचार्य पंडित महेश्वर महाराज जी द्वारा संपन्न कराया गया।
वहीं पूजा और मेला के सफल आयोजन को लेकर शारदीय दुर्गा पूजा सह लक्ष्मी पूजा समिति की अध्यक्ष सह ग्राम पंचायत राज पतसंडा की मुखिया कला देवी के कुशल नेतृत्व में समिति के पदाधिकारीगण एवं कार्यकारिणी के सभी सदस्य सक्रियता से जुटे रहे।
प्रतिमा विसर्जन सोमवार की देर शाम गिद्धौर के मां त्रिपुर सुंदरी तालाब में किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से मां महालक्ष्मी को विदाई दी।
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