धर्म एवं आध्यात्म : झारखंड के मधुपुर में एक प्राचीन सुंदर काली मंदिर है जिसे लोकप्रिय रूप से "पाथरौल काली माता मंदिर" के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर राजा दिग्विजय सिंह ने 6 से 7 शताब्दियों पहले बनवाया था। मुख्य मंदिर के नजदीक नौ और मंदिर हैं जो भक्त भी जा सकते हैं। मंदिर में पूर्वी वास्तुकला है जो डेल शैली का प्रदर्शन करती है।
यह रामकृष्ण परमहंस (Ramkrishna Paramhans) की तपोभूमि है। यहां विराजमान मां काली ने उन्हें रामकृष्ण परमहंस बना दिया।
रामकृष्ण परमहंस यहां के मुख्य पुजारी थे। यहां आकर वे मां की भक्ति में ऐसे रमे कि उन्हें सृष्टि के कण-कण में मां के ही दर्शन होने लगे। मां काली की साधना के बल पर वे सिद्धि के शिखर तक पहुंचे।
यहीं माँ पथरोल काली मंदिर (Maa Pathrol Kali Temple, Madhupur) में रामकृष्ण परमहंस के शिष्य नरेंद्र ने मां काली के दर्शन किए और वे विवेकानंद के नाम से जगत में प्रसिद्ध हुए। स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) ने अमेरिका के शिकागो में भारतीय संस्कृति की विजय पताका लहराई और यह सब मां काली का ही आशीर्वाद था।
बंगाली सभ्यता-संस्कृति का समावेश होने की वजह से इस मंदिर को पथरोल काली बाड़ी भी कहा जाता है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की अगाध श्रद्धा है। यहां की काली मां सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
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