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रविवार, 25 सितंबर 2022

जानिए महालया का क्या है धार्मिक महत्व?

धर्म एवं आध्यात्म : महालया (Mahalaya) पितृ पक्ष (Pitri Paksh) और दुर्गा पूजा (Durga Puja) दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है। इस दिन 16 दिनों का पितृपक्ष समापन होता है और पितर अपने लोके लौटते हैं। इस दिन से नवरात्रि का भी प्रारंभ होता है।

 हिंदू कैलेंडर के अनुसार 25 सितंबर को सुबह 3:12 से अमावस्या तिथि शुरू है और 26 सितंबर को सुबह 3:23 पर समाप्त हो रही है। इसलिए 25 सितंबर को महालया है। मान्यता है कि आज के दिन मूर्तिकार माँ दुर्गा की मूर्तियों को अंतिम रूप देते हैं। इसके बाद ही माता रानी की प्रतिमाओं का साज-सृंगार होता है।

इस दिन को मां दुर्गा (Maa Durga) का निमंत्रण भी माना जाता है। नवरात्रि (Navratri) में मां दुर्गा कैलाश पर्वत से पृथ्वी लोक पर आती हैं और 9 दिनों तक रहने के बाद विजयदशमी को अपने ससुराल यानी कैलाश पर्वत पर वापस चली जाती है। इस दिन मां दुर्गा के लिए विशेष पूजन, भजन, कीर्तन आदि होता है।

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