पटना : जदयू के प्रदेश प्रवक्ता प्रगति मेहता ने कहा की गृह मंत्री अमित शाह जी को यह भी बताना चाहिए की मोदी-शाह युग में चुन-चुन के बिहार भाजपा के पिछड़े और अतिपिछड़े नेताओं को क्यों ठिकाने लगा दिया गया. प्रेम कुमार, नन्द किशोर यादव, सुशील कुमार मोदी जैसे नेता मुख्य धारा से कैसे साइड कर दिए गए. दशकों तक गया शहर की सीट से जीतने वाले अतिपिछड़े समाज के नेता प्रेम कुमार का अब पार्टी में नाम भी नहीं लिया जाता है.
जदयू प्रवक्ता ने कहा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुरू से समाज के वंचित तबके को आगे लाने का प्रयास किया. अतिपिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण दिए जाने से आज पंचायत और निकायों में दबे कुचले वर्ग के लोगों का प्रतिनिधितव बढ़ा है. लेकिन सिर्फ भाषणों में जुमलेबाजी करने वाले भाजपा नेताओं ने दबे -कुचले तबके को और दबाने का ही काम किया. और तो और पार्टी में भी भाजपा के पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग के जिन नेताओं की कभी पूछ थी आज मोदी-शाह युग में उन सबों का कोई नाम लेवा भी नहीं है.
प्रगति ने कहा कि अतिपिछड़े समाज से आने वाले नेता प्रेम कुमार जो बिहार में कृषि मंत्री भी रहे, लेकिन अब पार्टी के कार्यक्रमों में दिखते भी नहीं हैं. सुशील कुमार मोदी जी की हालत यह हो गई है की किसी तरह अख़बार में जगह मिल जाए इसके लिए अनाप-शनाप बोलते रहते हैं. पूर्व मंत्री नन्द किशोर यादव जी भी अब पार्टी के कार्यक्रमों में बड़ी मुश्किल से ही दिखते हैं.
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