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जमुई : व्याप्त अव्यवस्थाओं के बीच सदर अस्पताल में दिखा मानवीय चेहरा

जमुई (Jamui), 17 जुलाई : हमने ईश्वर को नहीं देखा, लेकिन अगर इस धरा पर साक्षात ईश्वर का दूत कोई है तो वह चिकित्सक ही है, जिसे हमने देखा है। चिकित्सक हम सबों की जिंदगी का अहम् हिस्सा हैं। प्रोफेशन के साथ ही उनका व्यक्तित्व और व्यवहार भी मरीज को ठीक करने में महती भूमिका निभाते है।

यूं तो हर डॉक्टर ईश्वर के दूत होते हैं, लेकिन जमुई जैसे पिछड़े क्षेत्र में कुछ ऐसे भी डॉक्टर हैं, जो हजारों लोगों के लिए ईश्वर के रूप ही हैं। उन्हीं चिकित्सकों में एक नाम सदर अस्पताल,जमुई में कार्यरत सम्मानीय डॉ विशाल आंनद सिंह का आता है।
जिन्होंने रोड एक्सीडेंट में घायल चरकापत्थर थाना क्षेत्र के तेतरिया गांव निवासी गरीब आदिवासी संजय मरांडी की पत्नी जमुनी मुर्मू का इलाज उस स्थिति में किया, जब सदर अस्पताल की लचर व्यवस्था ने पर्याप्त संसाधन मौजूद रहने के बाद भी संसाधन का आभाव बता मरीज को रेफर करने का फैसला किया। जबकी इस गरीब अभागन आदिवासी महिला जमुनी मुर्मू के परिजन के रूप में ढाई वर्ष की मासूम पुत्री थी।
वहीं उनके पति किसी अपराध के कारण विगत 1 वर्ष से जेल में कैद है। कितना दुःखद है सदर अस्पताल में संसाधन मौजूद रहने के बाद भी गरीब मरीज को रेफर किया जा रहा था शायद उन्हें रेफर करने की आदत सी हो गई है। खैर अब जमुनी मुर्मू स्वस्थ है।

इस बारे में प्रबोध जन सेवा संस्थान के सुमन सौरभ ने बताया कि डॉ विशाल आनंद सिंह के इस मानवीय रूप के बारे में मुझे सदर अस्पताल, जमुई में कार्यरत एक कर्मी ने बताई। जिसके बाद मैं बिलकुल निःशब्द हो गया।
अस्पताल कर्मी ने हर एक बात बताई कि किस प्रकार संसाधन मौजूद रहने के बाद भी मरीज को रेफर किया जा रहा था और किस स्थिति में डॉ विशाल आंनद सिंह ने व्यवस्था से लड़ कर सदर अस्पताल, जमुई में ही उक्त मरीज का इलाज किया।

सुमन ने बताया कि यह जानकारी होने के बाद मैं कॉल पर डॉ. विशाल आनंद सिंह का मात्र आभार ही व्यक्त कर पाया। उन्होंने जो पीड़ित मानवता के प्रति समर्पण दिखाया है वो अस्पताल के अन्य कर्मियों के लिए प्रेरणा है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वो डॉ विशाल आंनद जी को हमेशा स्वस्थ रखें।

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