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अलीगंज : रमजान के आखिरी जुम्मे के मौके पर इफ्तार पार्टी आयोजित

 


अलीगंज/जमुई (Aliganj/Jamui), 29 अप्रैल

◆ चंद्रशेखर सिंह की रिपोर्ट

अलीगंज के जामा मस्जिद में माहे रमजान-उल-मुबारक के 27 वां रोजा और (अलबिदा) के मौके पर अलफ्ला कमिटी अलीगंज के द्वारा शुक्रवार को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों रोजेदारों उपस्थित हुए और रोजा इफ्तार किया। रोजा इफ्तारी से पहले हाफिज अब्दुल मोबीन ने सभी रोजेदारों के साथ अल्लाह तबारक व ताला के बारगाह में हाथ उठाकर मुल्क की अमनचैन के लिए दुआएं मांगी।


इफ्तार पार्टी में मुस्लिम समाज के बड़े-बुजूर्ग, नौजवान व बच्चों ने बड़ी संख्या में शिरकत की। मगरिब की अजान सुनकर सभी रोजेदारों ने एक साथ रोजा इफ्तार किया। अप्रैल माह की तपती गर्मी में भी मुस्लिम समाज के लोग अपने रब की इबादत के लिए 16 घंटे भूखे प्यासे रहकर रोजा रखा।


 वहीं मोहम्मद सरफुद्दीन ने बताया कि रमजान-उल-मुबारक का यह पाक व पवित्र महीना रहमतों व बरकतों से भरपूर है। जो शख्स रोजेदार को इफ्तार कराता है। अल्लाह तबारक व ताला उस शख्स को रोजेदार के बराबर सवाब अता फरमाता है। इस प्रकार का इफ्तार पार्टी का आयोजन से आपसी भाईचारा भी बढ़ता है। 



वहीं जामा मस्जिद के मोआजिन मोहम्मद शाहिद ने बताया कि रमजान-उल-मुबारक को तीन अशरा (हिस्से) में बांटा गया है। पवित्र माह रमजान का पहला अशरा बरकतों का, दूसरा अशरा ग्यारहवीं रमजान से बीस रमजान तक मगफिरत का तथा 21 वीं रमजान से तीस रमजान तक जहन्नुम से आजादी का है।


वहीं आज से पवित्र माह रमजान-उल-मुबारक का आखिरी अशरा जहन्नुम से आजादी शूरू हो गया है। वहीं रमजान के आखिरी अशरा एक रात लैलतूल कदर का आता है। जिस रात में रात भर जागकर इबादत करने से एक हजार महीने का सवाब मिलेगा।


वहीं इस मौके पर मोतावल्ली मोहम्मद सद्दाम, सदर मोहम्मद औरंगजेब, मोहम्मद आदिल, मोहमद मकबूल, साहेब, मुबारक, राजा, नेहाल, सादिक, दिलशाद, नौशाद, हमीद, मजीद, नसीम, फिरोज, गुड्डू, आजाद, इरशाद, मोहम्मद अब्बास, मोहमद, मुख्तार, वसीम, आलम, मुन्ना, मोहसिन के अलावे सैकड़ों रोजेदार बच्चे बुजुर्ग मौजूद थे।

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