सर्व प्रथम लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया और उनके बताये रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। युवा शक्ति के प्रांतीय नेता सह अधिवक्ता शशि शेखर सिंह मुन्ना ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद देश के प्रथम शिक्षा मंत्री बनकर शिक्षा और संस्कृति को बढावा देने के लिए उत्कृष्ठ संस्थानों की स्थापना की।
उन्होने 14 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चो के लिए नि शुल्क शिक्षा और अनिवार्य शिक्षा, लड़कियों की शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा जैसे सुधारों की सिफारिश की थी। जिसका लाभ आमजनों तक पहुंच रहा है। इसलिए वे सदैव याद किये जाएंगे। कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष मकेश्वर यादव ने कहा कि वे प्राथमिक शिक्षा को मातृभाषा हिन्दी में प्रदान करने के हिमायती थे। डॉ. दिनेश कुमार ने कहा कि कलाम साहब प्रौढ़ शिक्षा के क्षेत्र में भी अग्रणी रहे।
मौके पर समाजसेवी चंद्रशेखर आजाद, प्रो. आनंद लाल पाठक, अशोक कुमार, नगीना चंद्रवंशी, परमेश्वर यादव, अवधेश यादव, महेन्द्र यादव, नगीना पासवान, देवनंदन ठाकुर, डॉ. परमेश्वर रविदास के अलावे दर्जनो गणमान्य लोग मौजूद थे।
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