गिद्धौर : सरस्वती पूजा को लेकर प्रतिमा निर्माण कार्य अंतिम चरण में, दिन रात मेहनत कर रहे मूर्तिकार - gidhaur.com : Gidhaur - गिद्धौर - Gidhaur News - Bihar - Jamui - जमुई - Jamui Samachar - जमुई समाचार

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Responsive Ads Here

गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022

गिद्धौर : सरस्वती पूजा को लेकर प्रतिमा निर्माण कार्य अंतिम चरण में, दिन रात मेहनत कर रहे मूर्तिकार

गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 3 फ़रवरी | अपराजिता : आगामी 5 फरवरी, शनिवार को बसंत पंचमी के अवसर पर विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना को लेकर गिद्धौर के मूर्तिकार प्रतिमा निर्माण में जोर शोर से लगे हुए हैं।  सरस्वती माता की पूजा सभी शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ अन्य जगहों पर भी धूमधाम से किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इनकी अराधना मात्र से ही विद्या की प्राप्ति हो जाती है। युवाओं तथा छात्र-छात्राओं में सरस्वती पूजा को लेकर विशेष उत्साह देखी जा रही है।
गिद्धौर के राजकुमार आर्ट, श्याम आर्ट, मनोज आर्ट, बिकास आर्ट, विष्णुदेव आर्ट पूरे लगन से मां सरस्वती के प्रतिमा निर्माण में लगे हुए हैं। यह लोग सुबह 5 बजे से रात के 12 बजे तक पूरी तन्मयता से प्रतिमा निर्माण का कार्य कर रहे हैं।
प्रतिमा निर्माता श्याम आर्ट के श्याम पंडित ने बताया कि वर्षों से खानदानी प्रतिमा निर्माण का काम उनके परिवार में होता आ रहा है।
उनके सहयोग में संजय पंडित, आनंदी पंडित, अजित पंडित, रणवीर पंडित, नीतीश पंडित, बजरंगी पंडित, सूरज कुमार रावत एवं आशीष कुमार गुप्ता लगे हुए हैं।
वहीं विष्णुदेव आर्ट के विष्णुदेव पंडित कहते हैं कि पीढ़ी दर पीढ़ी प्रतिमा निर्माण का काम उनके परिवार में हो रहा है। 
इसमें सहयोग में उनके पुत्र सुबोध पंडित, कुंदन कुमार एवं कन्हैया कुमार रहते हैं।
मनोज आर्ट के मूर्तिकार मनोज पंडित कहते हैं कि गिद्धौर से दूर-दराज के इलाकों में भी प्रतिमा भेजी जाती है। इसके लिए महीनो पहले से ही काम शुरू कर दिया जाता है। इनके सहयोग में सूरज कुमार एवं शशि शेखर कुमार लगे हुए हैं।
गिद्धौर की अतिप्राचीन माँ दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण करने वाले राजकुमार आर्ट के मूर्तिकार राजकुमार रावत इन दिनों माँ सरस्वती की प्रतिमा के निर्माण में जुटे हैं। वे बताते हैं कि पहले प्रतिमा का मॉडल हम सब खुद से तैयार करते थे अब डिजिटल जमाने में ग्राहक अपनी तरफ से मॉडल देते हैं। प्रतिमा के साइज़, लागत और मेहनत के हिसाब से रेट तय होता है। उनके सहयोग में उनके पुत्र संदीप कुमार, शुभम कुमार एवं सौरभ कुमार दिन-रात लगे हैं।

Post Top Ad