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जमुई : नौंवें तीर्थंकर सुविधिनाथ भगवान की जन्मस्थली काकन पहुंचा जैन धर्मार्थियों का जत्था



जमुई (Jamui), 29 नवंबर : शनिवार को जैन धर्मार्थियों का विशाल जत्था जैन धर्म के नौंवें तीर्थंकर सुविधिनाथ भगवान की जन्मस्थली काकन पहुंचा। धर्मानुरागी प्रवीण लोडाया के नेतृत्व मुंबई से चलकर डेढ़ सौ से अधिक नर - नारी एवं बच्चे कोलकाता , शिखर जी , चंपापुरी , लछुआड़ के रास्ते जमुई सदर प्रखंड अंतर्गत देवभूमि काकन गांव पहुंचे और यहां 1500 साल पुरानी 23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा का परंपरागत तरीके से दर्शन और पूजन किया।



श्री लोडाया जी महाराज ने कहा कि जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ की स्थली काकन की पावन धरा कण - कण पवित्र है। यहां आकर जो भी प्राणी अपना मस्तक नमन करता है उसका जीवन धन्य हो जाता है। मंदिर में ध्यान - साधना कर असीम शांति की अनुभूति होती है। उन्होंने काकन की धरा को नमन करते हुए कहा कि यहां जो भी धर्मार्थी आते हैं वे अपने साथ सत्य - अहिसा - शांति का संदेश अवश्य ले जाते हैं।


परम पूज्य श्री लोडाया जी ने इस धार्मिक जत्थे में महाराष्ट्र , गुजरात , राजस्थान , तमिलनाडु , केरल , पंजाब समेत कई राज्यों के स्वजनों के शामिल रहने की जानकारी देते हुए कहा कि सम्बंधित तीर्थयात्रा का शुभारंभ 21 नवंबर से हुआ जो 19 दिसंबर को गुजरात के पालिताना में जाकर संपन्न होगा। उन्होंने कुल 28 दिनों की धार्मिक यात्रा के दरम्यान दर्जनों जैन तीर्थस्थलों की पावन धरा पर उपस्थिति दर्ज किए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि सभी धर्मानुरागी उत्साह और उमंग के साथ तीर्थाटन कर रहे हैं। उन्होंने श्री महावीर जन कल्याण फाउंडेशन के सहयोग की सराहना की।


उधर श्री महावीर जन कल्याण फाउंडेशन ने सभी ममुमुक्षु पुण्यात्माओं का प्रभु की जन्मभूमि लछुआड़ और काकन पहुंचने पर गर्मजोशी से वंदन और अभिनंदन किया। अध्यक्ष उमेश केशरी ने कहा कि भगवान की तपो भूमि पर एक साथ 151 पुण्यात्माओं का पहुंचना सौभाग्य की बात है। उन्होंने इसे ईश्वरीय इच्छा करार देते हुए सभी आगंतुकों का खूब अनुमोदना किया।


मुख्य संरक्षक डॉ. निरंजन कुमार , सचिव चंडी विश्वकर्मा , कोषाध्यक्ष आशुतोष आदि ने भी भगवान की पावन धरा पर पुण्यात्माओं का हृदयतल से स्वागत किया और तीर्थयात्रा में सहूलियत के लिए उन्हें यथोचित सहयोग दिया।


इधर काकन स्थित जैन मंदिर के प्रबंधक शेखर जी ने भी अतिथियों का अभिवादन कर उन्हें पूजा - अर्चना में सहयोग किया। सभी धर्मार्थी काकन में दर्शन और पूजा - अर्चना के बाद पावापुरी के लिए प्रस्थान कर गए।

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