बता दें कि गिद्धौर राज रियासत के अनुरूप प्रतिवर्ष विजयादशमी के बाद शरद पूर्णिमा के अवसर पर माँ महालक्ष्मी की पूजा उलाई व नागी-नकटी नदी के तट पर अवस्थित दुर्गा मंदिर में सदियों से की जा रही है।
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गिद्धौर राज रियासत के शासक राज्य के वैभव और धन-धान्य में समृद्धि के लिए माँ महालक्ष्मी की आराधना शरद पूर्णिमा के अवसर पर करते आये। शारदीय नवरात्र के मौके पर गिद्धौर में ऐतिहासिक दुर्गा पूजा भी अहर्निश आयोजित होता आया। तत्पश्चात वर्ष 1996 में राज परिवार द्वारा इसे जनाश्रित घोषित कर दिया गया और आयोजन की जिम्मेदारी स्थानीय निवासियों को दे दी गई। जिस परिपाटी को जारी रखते हुए शारदीय दुर्गा पूजा सह लक्ष्मी पूजा समिति हर वर्ष दुर्गा पूजा एवं विसर्जन के बाद शरद पूर्णिमा को माँ महालक्ष्मी की पूजा की जाती है।
समिति द्वारा मिली जानकारी के अनुसार 20 अक्टूबर, बुधवार को त्रिपुर सुंदरी तालाब में प्रतिमा विसर्जन किया जाएगा। प्रतिमा निर्माण स्थानीय मूर्तिकार राजकुमार रावत द्वारा किया गया है।