खैरा : कच्चे धागों में पत्नी ने बांधा पति के जीवन की डोर, वट सावित्री पूजा संपन्न

Khaira / खैरा.(प्रहलाद कुमार) :-

 कच्चे सूत को वटवृक्ष पर लपेटकर हर फेरे में पति की लंबी आयु और उनका जन्म-जन्म का साथ निभाने गुरुवार को सुहागिनों ने वटसावित्री व्रत कर पूजा-अर्चना की । महिलाओं ने निर्जला उपवास कर इस सुहाग पर्व को उत्साह के साथ मनाया, वट सावित्री को लेकर दुल्हन की तरह सोलह श्रृंगार कर मंदिर पहुंची महिलाओं ने विधि विधान के साथ इस व्रत को पूरा किया. पूजा के बाद सुहागिनों ने सत्यवान और सावित्री की कथा भी सुनी। इस दौरान प्रखंड भर के मंदिरों और वट वृक्ष के नीचे सुबह से ही सुहागिनों की भीड़ लगी रही. पूजा के बाद सुहागिनों ने वट वृक्ष के 7, 11, 21 परिक्रमा कर वट सावित्री की पूजा सपन्न की. इसके बाद बांस के बने पंखे से हवा लगाकर उन्होंने अपनी पूजा संपन्न किया. सुहाग पर्व के रूप में मनाए जाने वाले वट सावित्री व्रत को लेकर नव ब्याहताओं में खासा उत्साह देखा गया। सोलह श्रृंगार के साथ नई साड़ी, गहनों से सजी संवरी सुहागिनों ने पूरे विधि-विधान से वट वृक्ष की पूजा की. कच्चे सूत को लेकर परिक्रमा कर सुहागिनों ने चना, पकवान, मौसमी फल, सहित सुहाग का पिटारा भी चढ़ाया। मान्यता है कि वट वृक्ष के नीचे ही सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान को वापस जीवित करने का वरदान मांगा था. वट वृक्ष की जड़ों में भगवान ब्रह्मा, तने में विष्णु और पत्तों नें शिव का वास होने की वजह से तीनों देवों के प्रतीक स्वरूप वट वृक्ष की पूजा की जाती है।  वट वृक्ष की पूजा करने सुबह से ही सुहागिनों की भीड़ लगी रही. प्रखंड क्षेत्र के खैरा, गोपालपुर, नवडीहा, सिंगारपुर, बल्लोपुर भौंड, घनबेरिया, चौहानडीह, रायपुरा सहित बाइस पंचायत के सभी गांव में वट वट सावित्री पूजा को लेकर सुबह से ही महिलाएं पूजा करने को आती रहीं।

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