Breaking News

6/recent/ticker-posts

खैरा बाजार में डेढ़ घंटे तक उड़ती रही कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां, किसी ने नहीं ली खबर

खैरा/जमुई (Khaira/Jamui), प्रह्लाद कुमार : जिले के खैरा थाना क्षेत्र में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guidelines) की धज्जियां उड़ाई जा रही है. कोरोना नियमों के नाम पर प्रशासनिक लापरवाही की पोल खोलती यह तस्वीर शुक्रवार शाम की है जब शादी समारोह के नाम पर लॉकडाउन (Lockdown) के तमाम नियमों की धज्जियां उड़ाई गई. जहां शादी विवाह समारोह में महज 25 लोगों के ही एकत्रित होने की छूट दी गई है वहीं विवाह समारोह के नाम पर 200 से भी अधिक लोग दस बीस मिनट नहीं बल्कि 2 घंटे तक मुख्य सड़क पर जमे रहे. बैंड-बाजे की धुन पर डांस होता रहा और प्रशासनिक पदाधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी.

गौरतलब है कि जिले में कोरोना संक्रमण लोगों के लिए खतरे का सबब बनता जा रहा है. बड़ी संख्या में नए मरीज चिन्हित हो रहे हैं, साथ ही प्रत्येक दिन आधा दर्जन के करीब लोगों की मृत्यु हो रही है. स्थिति इतनी भयावह है कि लोग घरों से निकलने से भी परहेज कर रहे हैं. इसके अलावा पूरे राज्य में 25 मई तक पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया है. हालांकि शादी-विवाह समारोह में थोड़ी ढील दी गई है. लेकिन 25 लोगों की बंदिशों के साथ ही शादी समारोह करने की अनुमति प्रदान की गई है. परंतु खैरा में ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है. शादी समारोह के नाम पर जमकर कोरोना की धज्जियां उड़ाई गई हैं. 

क्या है पूरा मामला?

दरअसल शुक्रवार को खैरा बाजार से सटे महादलित बस्ती में एक युवक की शादी होनी थी तथा उसी की बारात जाने से पहले शादी की तमाम विधियां संपन्न की जा रही थी. इसी क्रम में खैरा थाना से महज 100 मीटर की दूरी पर करीब 200 की संख्या में लोग जुटे और बैंड बाजे की धुन पर नृत्य करना शुरू कर दिया. आलम यह था कि 200 में से 10 भी ऐसे लोग नहीं होंगे जिनके चेहरे पर मास्क होगा. बिना मास्क के इतनी बड़ी संख्या में लोगों का एक स्थान पर जुटान होना कोरोनावायरस को न्यौता दे रहा है.

सबसे शर्मनाक बात यह रही कि एक तरफ जिला प्रशासन यह दावा करता है कि लॉकडाउन के सफल संचालन को लेकर प्रशासन पूरी तरह से कार्यरत है. परंतु जहां खैरा बाजार में दिन के उजाले में संक्रमण काल की धज्जियां उड़ाई गई. ना तो पुलिस महकमा और ना ही स्थानीय प्रशासन ने इसकी रोकथाम को लेकर कोई जहमत उठाई. मौके पर किस भी पदाधिकारी ने आना और इसे रोकना जरूरी नहीं समझा. ऐसे में संक्रमण को कहां तक रोका जा सकेगा यह अपने आप में एक बहुत बड़ा प्रश्न है.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ