झाझा/जमुई (Jhajha/Jamui) | सोनू कुमार [Edited by: Shubham Mishra] : इन दिनों लॉकडाउन के कारण सबों की जिंदगी प्रभावित हुई है; परन्तु सबसे ज्यादा असर मध्यम एवं निम्न वर्ग के लोगों पर देखा जा सकता है। ये लोग बेरोजगारी एवं आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। गरीब तबके के लोग ज्यादा परेशान हैं। रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले ठेले एवं रिक्शा चालक, खोमचा वाले, दैनिक मजदूर, गुमटी एवं छोटे दुकान चलाने वाले जैसे अनेक व्यक्तियों को भोजन के लाले पड़े हुए हैं।
आलम यह है कि सरकार द्वारा मदद करने के ऐलान बहुत हैं, पर हकीकत कुछ और ही हाले-बयां करती है। बात दरअसल जिले के झाझा स्टेशन के निकट दर्जनों ऐसे व्यक्तियों की है, जिन्हें भोजन भी कई दिनों से नसीब नहीं हुई थी। ऐसे में इनलोगों के बीच 'डूबते को तिनके' के रूप में युवा समाजसेवी गौरव सिंह राठौड़ मिले हैं जो इनलोगों को प्रत्येक दिन भोजन कराकर उनलोगों के पेट भरने का काम कर रहे हैं।
इस बाबत प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गौरव सिंह राठौड़ एक फरिश्ता बन कर इन लोगों के बीच प्रकट हुए हैं। जो भोजन की व्यवस्था कर खुद अपने हाथों से खाना परोस कर खिलाते हैं। जो उनका इनलोगों के साथ स्नेहात्मक अपनत्व को दर्शाता है। वहीं जन प्रतिनिधियों की बात करें तो ऐसा लगता है कि उनलोगों का जन सरोकार से कोई नाता ही नहीं है। इस दौर में गौरव सिंह राठौर का यह कदम काफ़ी प्रशंसनीय साबित हो रहा है। जो इन दिनों रेलवे स्टेशन से होकर गुजरने वाले बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों के बीच चर्चा का विषय है। उक्त अवसर पर गौरव सिंह राठौड़ के अलावे उनके सहयोगी भी मौजूद थे।