देश के बड़े पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा के निधन से जमुई के पर्यावरण प्रेमियों में शोक की लहर

जमुई (Jamui) [Edited by: Jaya] : जिनकी कहानी मिट्टी से शुरू हुई थी, आज वह खुद मिट्टी में विलीन हो गए। देश के बड़े पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा (Sundarlal Bahuguna) के निधन से जमुई के साइकिल यात्रा एक विचार मंच के सदस्य भी शोकाकुल हुए। सदस्य विवेक कुमार ने बताया की आजादी के लिए, गरीबी हटाने के लिए, समाज सुधारने के लिए तो हर कोई आंदोलन करता है, लेकिन ऐसे बहुत कम होते हैं जो प्रकृति को सुरक्षित करने के लिए आंदोलन खड़ा कर देते हैं। सुंदर लाल बहुगुणा उन्हीं कुछ लोगों में से एक थे। इनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य था "पर्यावरण की सुरक्षा करना"।
संदीप कुमार रंजन द्वारा बताया गया की हिमालय के रक्षक सुंदरलाल बहुगुणा की सबसे बड़ी उपलब्धि चिपको आंदोलन थी। 1970 का वह साल था, जब पर्यावरण सुरक्षा को लेकर आंदोलन पूरे देश में जोर-शोर से फैला हुआ था, चिपको आंदोलन भी उसी का एक हिस्सा था। इस आंदोलन की कहानी तो हम सब जानते हैं, पर इसके पीछे के चेहरे और प्रेरणा को बहुत कम ही लोग पहचानते होंगे। आज वह प्रेरणा भी चली गयी, लेकिन यही आशा है कि उनकी जलाई पर्यावरण संरक्षण की लौ सदा जलती रहे। सदस्य हरेराम कुमार सिंह ने कहा की साईकिल यात्रा एक विचार मंच के प्रत्येक सदस्य उनकी प्रेरणा को हमेशा अमल में लाने का प्रयास करेंगें। इस दुःखद बेला में हम सभी मिलकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते है।

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