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गुरुवार, 8 अप्रैल 2021

जमुई : चेक बाउंस मामले में जेल में बंद पी के सुमन की मौत, स्वजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

Jamui  News/जमुई (मो. अंजुम आलम ) :-  चेक बाउंस मामले में पिछले डेढ़ माह से जमुई जेल (Jamui Jail) में सजा काट रहे एक कैदी की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल (Sadar Hospital, Jamui) में भर्ती कराया गया, जहां गुरुवार की अहले सबह सदर अस्पताल स्थित कैदी हाजत में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक कैदी की पहचान झारखंड (Jharkhand) के कोडरमा निवासी प्रमोद कुमार सुमन उर्फ (P K Suman) के रूप में हुई है।

पी के सुमन के शव के पास परिजन व अस्पताल कर्मी

प्रमोद कुमार सुमन फिलहाल 10 वर्षों से सिमुलतला (Simultala) स्थित सिन्धु स्टेट (Sindhu State) कोठी में रह रहे थे और KYP में काम करते थे। चेक बाउंस के एक मामले में 22 फरवरी 2021 को इन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था, जहां उनको 5 दिनों से बुखार और छाती में दर्द की शिकायत थी। उसके बाद जेल के डॉक्टर द्वारा उसे इलाज के लिए बुधवार की शाम सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वजनों ने बताया कि कैदी की तबियत कई दिनों से बिगड़ी हुई थी, लेकिन जेल प्रशासन लापरवाह बनी रही। कई बार जेल प्रशासन से बात करने की कोशिश भी की गई लेकिन बात नहीं हो सका। जब उनकी तबियत गंभीर हो गई तब उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वजनों ने बताया कि सदर अस्पताल के चिकित्सक द्वारा रेफर करने के बावजूद उसे पटना (Patna) नहीं ले जाया गया, जिससे उनकी सदर अस्पताल स्थित कैदी हाजत में ही मौत हो गई।  वहीं, श्री सुमन की मौत के बाद स्वजनों में कोहराम मचा है।

बता दें, मृतक द्वारा एक व्यक्ति  से ठगी करने को लेकर सिमुलतला थाना में दो मामले दर्ज थे। सिमुलतला थाना कांड संख्या 52/18 , 32/20 , 33/20 दर्ज है। बताया जाता है कि सिमुलतला थाना क्षेत्र के खुरण्डा गांव निवासी  दिलीप कुमार पंडित से संस्था विकास के नाम पर एग्रीमेन्ट के साथ ₹9लाख लिया था। श्री पंडित से लिये गए पैसे की वापसी के लिए सितम्बर 2018 में ₹7लाख का चेक मृतक पी के सुमन द्वारा दिया गया था, जो बैंक में बाउंस कर गया।

रिपोर्ट तैयार करते हुये अधिकारी व कर्मी

इधर,  मजिस्ट्रेट की निगरानी में डॉक्टरों की टीम द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा। वहीँ, जेल अधीक्षक अरुण कुमार पासवान ने अपना पक्ष रखते हुए बताया है कि कैदी की तबियत बिगड़ने के फौरन बाद उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जेल प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की लापरवाही या इलाज में कोताही नहीं बरती गई है। जेल के चिकित्सक द्वारा भी इलाज किया जा रहा था। प्रक्रिया के तहत पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन के हवाले कर दिया जाएगा।

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