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गिद्धौर के 8 पंचायतों में नल जल योजना का कनेक्शन बाधित, प्रखंड प्रमुख ने DM से किया पत्राचार

 【न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】 :- 

गिद्धौर प्रखंड के सभी पंचायतों में अधूरे पड़े नल- जल योजना के कार्य को पूरा करने के लिए प्रखंड प्रमुख शम्भू केशरी ने जिलाधिकारी से पत्राचार किया है। पत्रांक 085 के माध्यम से जिलाधिकारी को उन्होंने बताया कि गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के अंतर्गत नल जल का बहुतों से गांवों में ठेकेदार द्वारा अनियमितता बरती गई है। कई पंचायतों के ग्रामीणों ने उन्हें लिखित एवं मौखिक रूप से अनियमितता की शिकायत की थी। ग्रामीणों के शिकायत पर जब प्रखण्ड प्रमुख ने क्षेत्र निरीक्षण किया तो ग्रामीणों के शिकायत को सही पाया । वहीं, उन्होंने बताया कि वार्ड में आधा कनेक्शन किया गया है और कहीं-कहीं आधा कनेक्शन छोड़ दिया गया है । किसी-किसी वार्ड में कनेक्शन दिया गया, लेकिन नल से पानी नहीं गिर रहा।  प्रखंड प्रमुख शंभू केशरी ने बढ़ती गर्मी के मद्देनजर जल संकट की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए अधूरे पड़े जल नल योजना को यथाशीघ्र जनहित में शुरू कराने की मांग रखी है।  प्रखंड प्रमुख शंभू केशरी ने ज्ञापन की प्रतिलिपि पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता को भी सौंपी।

शम्भू कुमार केशरी, प्रखण्ड प्रमुख व प्रेषित ज्ञापन  ◆ gidhaur.com

ज्ञापन में गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 8 पंचायतों के विभिन्न वार्डों में लंबित पड़े योजनाओं की विवरण संलग्न की गई है। विवरण के अनुसार, पतसंडा पंचायत अंतर्गत वार्ड 6 मुसहरी टोला में 20 घर में कनेक्शन नहीं दिया गया । वहीं, गिद्धौर टावर चौक से लेकर गिद्धौर पावर ग्रिड तक तकरीबन डेढ़ सौ घर इस नल जल योजना से वंचित है। वहीं, कुंधुर पंचायत में वार्ड नंबर 5 - 6 व 8 एवं पहाड़पुर में वार्ड 1व वार्ड 2 का कनेक्शन लंबित है।  रतनपुर पंचायत के कुराव गांव में वार्ड नंबर 13, मौरा पंचायत में वार्ड नंबर 11, सेवा पंचायत के सरसा गांव में वार्ड 1-2, गंगरा पंचायत में वार्ड 1 व 2, गिद्धौर रेलवे स्टेशन में 25 घर पर जल कनेक्शन नहीं पहुंचा।  

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प्रखंड प्रमुख शंभू केशरी ने बताया कि गर्मी की शुरुआत होते हैं प्रखंड क्षेत्र में जल संकट गहराने लगा है। यहां बता दें कि बीते दिन भी बंद पड़े चापाकल की मरम्मतीकरण को लेकर प्रखंड प्रमुख शंभू केशरी ने पीएचईडी विभाग के अधिकारियों से बात कर अधिकांश जगहों पर बंद पड़े चापाकल को पुनर्जीवित करवाया था।

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