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गिद्धौर : पीएचसी प्रभारी डॉ. रामस्वरूप चौधरी ने की आत्महत्या, छोड़ गए सुसाइड नोट

गिद्धौर/जमुई (अभिषेक कुमार झा) : स्वास्थ्य विभाग के लिए मंगलवार की सुबह अमंगलकारी सिद्ध हुई। घटना जिले के गिद्धौऱ (Gidhaur) प्रखण्ड की है जहां सरकारी आवास पर गिद्धौर पीएचसी (Gidhaur PHC) के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रामस्वरुप चौधरी (Dr. Ramswaroop Chaudhary) का शव फंदे से लटकता मिला। तथाकथित तौर पर शव के पास एक स्यूसाईड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने ऐसे कदम उठाने के पीछे का कारण स्पष्ट किया है।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार की सुबह पीएचसी प्रभारी डॉ. राम स्वरूप चौधरी के सरकारी आवास पर उनके ड्राइवर ओमप्रकाश रावत उन्हें लेने के लिए डॉ. के आने का इंतजार करते रहे। काफी देर बाद भी जब डॉक्टर साहब नहीं निकले तो पुन: घर के अंदर जाकर पूछताछ की और परिजनों के साथ चालक उनकी पत्नी व पुत्री के साथ डॉक्टर के कमरे की ओर गए, तो उनके कमरे का दरबाजा अंदर से बंद पाया। सबने जब मिलकर दरबाजा नॉक किया लेकिन अंदर से काेई आवाज नहीं आई। जब सभी को अनहोनी की आशंका हुई तो दरबाजा तोड़ा। कक्ष में डॉ. रामस्वरूप चौधरी फांसी के फंदे से झूलते नजर आए। यह देख परिजन व चालक द्वारा उन्हें फंदे से उतारकर इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

विभागीय प्रेशर का गवाह बना सुसाइड नोट

डॉ. के कक्ष से मिले सुसाइड नोट भी उनकी मृत्यु के बीच चर्चा का विषय बना है। हालांकि, स्यूसाईड नोट में क्या लिखा था यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन सूत्रों की माने तो नोट में विभागीय प्रेसर में आकर आत्महत्या करने की बात सामने आ रही है,  पर विभागीय स्तर पर इस वाकया की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।

हाल ही में सौंपा गया था प्रतिरक्षण पदाधिकारी का प्रभार

कोरोना को लेकर सामने आए मामले के बाद खाली पड़े जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी की कुर्सी का दायित्व हाल ही में डॉ. राम स्वरूप चौधरी को दिया गया। इसके साथ ही कोरोना काल मे गिद्धौऱ को जिलास्तरीय कोविड केयर यूनिट बनाया गया था जहां वे प्रभारी के रूप में अपना महत्पूर्ण योगदान दिया था। वहीं, सिकंदरा में आशा कर्मी प्रशिक्षण के हेरा-फेरी मामले में गठित जांच टीम में भी ये शामिल रहे थे। वहीं, विभाहीय सूत्रों की माने तो दिवंगत डॉ. चौधरी जमुई सीएस के काफी नजदीकी बताये जाते हैं। 

परिजन हैं हलकान, घटना के हर पहलू की हो रही जांच

एका एक हुए इस घटना से जहां पूरा स्वास्थ्य महकमे में शोक की लहर छाई है। वहीं, उनके परिजन , पत्नी, पुत्री व दो पुत्र हलकान है। दिवंगत डॉक्टर के ज्येष्ठ पुत्र झारखण्ड सरकार में स्वास्थ्य अधिकारी एवं एक कनिष्ठ पुत्र राजीव दन्त चिकित्सक हैं। इसके साथ ही एक पुत्री शिक्षिका के रूप में गिद्धौऱ में ही पदस्थापित हैं। प्रभारी के निधन से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अलावे गिद्धौऱ पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. विपुल कुमार, डॉ. मुकेश रंजन, समेत फार्मशिष्ट शशिभूषण, लिपिक अमित रंजन, ईएमटी बीरेन्द्र कुमार सेहत अन्य कर्मियों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। मुंगेर जिले से सम्बंध रखने वाले उक्त डॉ. के आकस्मिक निधन से प्रखण्ड क्षेत्र गिद्धौऱ से भाजपा नेता कुमार सुदर्शन सिंह, मनीष पांडेय, प्रखण्ड प्रमुख शम्भू केशरी, शिक्षाविद दया नाथ झा, अमर सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता सुशांत साईं सुन्दरम समेत अन्य बुद्धिजीवियों ने श्राद्धाजंलि दी है। वहीं, घटना से जुड़ी हर पहलू के जांच पर स्थानीय पुलिस जुटी है।

बोले सीएस - नहीं है विभागीय प्रेशर

सुसाइड नोट में विभागीय प्रेशर की बात गलत है। उनसे बात चीत हुई थी, वे सामान्य रूप से सभी कार्य कर रहे थे। इनके निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करता हूँ। 
  -डॉ. विनय कुमार शर्मा, सीएस, जमुई

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