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गिद्धौर : माँ सरस्वती की प्रतिमा निर्माण अंतिम चरण में, कोरोना के कारण ऑर्डर में आई कमी

गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui) | अपराजिता :
हंस वाहिनी, विद्या दायिनी, कला, साहित्य एवं संगीत की देवी माँ शारदा की प्रतिमा निर्माण का काम अपने अंतिम चरण में है। गिद्धौर में कई जगहों पर भगवती सरस्वती की प्रतिमाएं बन रही हैं। मूर्तिकार माता की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। सरस्वती पूजा बसंत पंचमी को मनाया जाता है। इस वर्ष बसंत पंचमी 16 फरवरी को है। ऐसी मान्यता है कि माघ महीने के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को ही माँ सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। इसी कारण इस दिन माता की पूजा विशेष तौर पर की जाती है।
मूर्ति को अंतिम रूप दे रहे कलाकारों से जब gidhaur.com ने बात किया तो उनलोगों ने बताया कि कोरोना के कारण इस वर्ष आर्डर में थोड़ी कमी आई है। इसके पीछे की वजह यह है कि अभी भी बहुत से ऐसे संस्थान हैं जो कोरोना महामारी से सावधानी बरतते हुए प्रतिमा स्थापित न करके घरों में ही माँ की आराधना करेंगे। सरस्वती पूजा को लेकर जिलाधिकारी ने भी निर्देश दिया है कि शांतिपूर्ण तरीके से पूजा करना है। जहां तक संभव हो सामाजिक दूरी बनाए रखना है तथा मास्क का प्रयोग भी करना है। लेकिन जो भी हो, माँ सरस्वती विशेषतः विद्यार्थियों की अधिष्ठात्री देवी हैं, तो वह अपने भक्तों पर विशेष कृपा बनाये रखेंगी।

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