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गिद्धौर की महिला बीड़ी मजदूरों ने 'कोटपा' कानून का जताया विरोध

 【न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】 :-

सरकार के 'कोटपा' कानून पर अब महिला बीड़ी मजदूरों की कैंची चलने लगी है। बीड़ी मजदूरों के मुताबिक, अगर सरकार बीड़ी निर्माण पर बनाये गए सख्त कानून कोटपा के तहत विशेष कार्रवाई करती है तो बीड़ी कंपनियां बीड़ी निर्माण का कार्य बंद कर देगी, और इससे दर्जनों गरीब- मजदूर रोजगारहीन हो जाएंगे। 

सेवा पंचायत की महिला बीड़ी मजदूर  ◆ फोटो - सदानन्द पंडित

दरअसल, सरकार द्वारा 'कोटपा' कानून के तहत तंबाकू उत्पाद के निर्माण व बिक्री पर लगे रोक को लेकर क्षेत्रीय बीड़ी मजदूरों के रोजी-रोटी की जुगात को बंद होने की आशंका लिये महिला बीड़ी मजदूर संगठन के बैनर तले उबाल जारी है। गिद्धौर प्रखण्ड क्षेत्र के महिला बीड़ी मजदूरों ने सरकार से अपनी मांग रखते हुए कहा है कि 'कोटपा' कानून में रियायत बरतने इस कानून में कुछ बदलाव कर दें तो क्षेत्र के सैंकड़ों मजदूर बेरोजगार होने से बच जाएंगे। 

 इधर, गिद्धौर प्रखण्ड क्षेत्र के सेवा पंचायत निवासी  महिला बीड़ी मजदूर चमेली देवी, सुमित्रा देवी, मुन्नी देवी , मैनादेवी, रूबी देवी,शांति देवी आदि ने इस कानून का विरोध जताते हुए कहा है कि जमुई जिला में लगभग दो लाख बीड़ी मजदूर 'कोटपा' कानून के कारण बेघर हो जाएंगे, क्योंकि उनके पास बीड़ी बनाने के सिवा कोई रोजगार नहीं है। सरकार ऐसा कानून के अनुपालन को ले बीड़ी मजदूर हित में गंभीरता जे विचार करे ताकि हमारी बेरोजगारी व भुखमरी की समस्या का समाधान हो सके।

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