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गिद्धौर : बिचौलियों के हाथों धान बेचने को विविश हैं किसान, विभाग उदासीन

न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】 :-

प्रखंड क्षेत्र में जहां एक ओर गेहूं की बुआई शुरू हो चुकी है , वहीं दूसरी ओर संग्रहित धान को बेचना, किसानों के परेशानी का कारण बन है। सरकारी फ़रमान जारी होने के बाद भी गिद्धौर प्रखण्ड क्षेत्र के किसान धान बेचने के लिये केंद्र का चक्कर लगा रहे हैं, पर सरकारी मुलाजिमों द्वारा धान क्रय न किए जाने से किसान मजबूरन व्यवसायी की ओर रूख करते नजर आ रहे हैं। 


स्थानीय कृषक सुखदेव रावत, लल्लू राम, विनोद यादव, महेंद्र आदि बताते हैं कि धान खरीद शुरू करने की दिशा में विभागीय स्तर पर कोई पहल नहीं किये जाने से किसानों में असमंजस की स्थिति बनी है। इसके साथ ही रबी फसल की बोआई पर भी गहरा असर पड़ा है। किसानों ने बताया कि धान खरीददारी में विभागीय उदासीनता को देखते हुए खेती के दौरान हुए कर्ज से उबरने के लिए मजबूरन अपने धान को निजी व्यवसायी के पास बेचने को वीवश हैं। यूं तो किसानों से धान क्रय करने के लिए ₹1885 सरकारी दर निर्धारित है पर विभागीय लेट लतीफी को देखते हुए कृषक 12-13 सौ रुपये की दर पर धान बेचने को विवश हैं। अपनी परेशानी जाहिर करते हुए ग्रामीण कृषकों ने बताया कि पिछले वर्ष भी सरकारी बाबुओं के धूलमूल रवैये को देखते हुए ओने-पौने दाम में ही निजी व्यवसाइयों के पास धान की बिक्री की गई थी। फिलहाल, कोरोना काल और नववर्ष के बीच में किसानों के धान का खरीद  न होने से प्रखण्ड क्षेत्र के अन्नदाता आर्थिक, व मानसिक परेशानियों से घिरे हैं, जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं।  इस संदर्भ में प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी राज कुमार नायक ने अपना  पक्ष रखते हुए बताया कि सरकार द्वारा निर्धारित दर पर धान खरीदा जा रहा है। धान बेचने को इच्छुक किसान कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं। 

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