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जमुई : दिव्यांगता को मात देकर ग्राहकों को जागरूक कर रही है रूपा

 

【न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】 :- जोश, जुनून और एक दूरदर्शी सोच में सकारत्मकता का मिश्रण ...ये परिचय है जमुई जिले के कचहरी रोड निवासी महेश कुमार मंडल व सुनैना देवी की विकलांग पुत्री रूपा कुमारी उर्फ रूबी की। 

बताया जाता है कि, 18वर्षीय रूपा 10 वर्ष पूर्व एक सड़क दुर्घटना में अपना बायां पैर गवां चुकी है। फिर भी रुपा के बुलन्द हौसलों ने उन्हें जिन्दा रखा है। अपनी पढ़ाई को जारी रखते हुए अपने पिता के खाद-बीज की दुकान को चलाने में अपना योगदान दे रही है। वर्तमान में रूपा विज्ञान संकाय से 12वीं कक्षा में अध्ययनरत है।

कोरोना के शुरुआती काल से ही सरकार द्वारा निर्गत कोविड-19 गाइडलाइन्स के अक्षरशः अनुपालन करने व कराने की जिम्मेदारी उठाकर अपने दुकान पर आने वाले मार्च 2020 से नवंबर 2020 तक लगभग 1100 ग्राहकों को मास्क लगाने व हाथों को सेनीटाइज करने के साथ साथ 2 गज दूरी को पालन कराने में सफलता हासिल की है। कृत्रिम पैर होने के बावजूद कोरोना वायरस से सभी को बचाने की यह मुहिम अब चुनौती के रूप में सामने आ रही है। रुपा के इस पहल पर उनके माता-पिता सहित उनके परिवार के सदस्यों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। विकलांगता को मात देकर बुलन्द व सुदृढ़ इच्छाशक्ति के बलबूते समाज मे कोरोना योद्धा के रूप में पहचान स्थापित करने वाली रूपा अपने विचार साझा करते हुए कहती हैं कि, युवाओं को कोरोना से दूर रखने के लिए सरकारी दिशानिर्देशों का पालन अतिआवश्यक है, पर जागरूकता के अभाव को लेकर लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। जमुई की नागरिक होने के नाते यह मेरी जिम्मेदारी है कि अपने जिलेवासियों को जागरूक कर इस महाामारी के नियंत्रण में अपना योगदान दूं। रूपा के इस जुनून से अभिभूत होकर बिहारी जमुई निवासी पंकज कुमार सिंह बताते हैं कि, ‘मास्क नहीं ,तो सामान नहीं’ के तर्ज पर रुपा ने ग्राहकों से अपना व्यवहार बनाया है। दुकान पर आने वाले ग्राहकों को मास्क-सेनेटाइजर व सोशल डिस्टनसिंग का पालन करवाकर जरूरतमंद ग्राहकों को मास्क व सेनेटाइजर का वितरण भी करती है। रूपा के इस प्रतिबद्धता से लोग इस दिशा में जागरूक हो रहे हैं।


Input : डब्लू पण्डित


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