【न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा 】:- एक ओर जहां हर्ष, उमंग और उत्साह के साथ छठ अपने समापन की ओर था, वहीं इसके दूसरी ओर जमुई जिले के दो प्रमुख घटनाओं ने छठ के उमंग पर उदासी की मुहर लगा दी।
【 घटना : 1 】
जिले के गरसंडा पूल पर असामाजिक तत्वों द्वारा प्रतिबंधित मांस फेंक दिए जाने से इलाके में श्रद्धालुओं के बीच उदासी छा गयी। इस पर जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए सक्रियता दिखाई और तत्क्षण प्रशासनिक व्यवस्था कर पूल को धुलवाया, जिससे मामला तूल पकड़ने से पहले ही शान्त हो गया।
【 घटना : 2】
गिद्धौर के सेवा गांव निवासी एक 22 वर्षीय युवक के चकाई में आत्महत्या कर लेने की खबर ने सेवा गांव के छठमय माहौल को गमगीन कर दिया। हालांकि मामला
बताया जाता है कि युवक अकेले ही चकाई में था, जबकि उसके माता-पिता छठ को लेकर अपने गांव सेवा गए हुए थे। खबर लिखे जाने तक मामले की जांच पुलिस कर रही है।
【छठ का सामाजिक महत्व】
छठ भारतीय संस्कृति के प्रति कृतज्ञता दर्शाने का भी नाम है। छठ महापर्व की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें सादगी तथा पवित्रता को खास महत्व दिया जाता है। इसके अलावा पर्यावरण को प्राथिमकता देते हुए नदी के किनारे बांस की टोकरी में सूर्य भगवान की पूजा होती है। इसके अलावा प्रसाद बनाने में चावल, गुड़ और गेहूं का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही इस महापर्व की विशेषता है कि इसमें वेद और पुराण को प्राथमिकता न देकर किसानों, ग्रामीण जन जीवन और परम्पराओं को महत्व दिया जाता है।
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