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मतदान में मतभेद, मतगणना में कदमताल! साथ एंट्री ली अजय और श्रेयसी ने तो सभी हुए चकित

जमुई | सुशांत साईं सुन्दरम :

कहते हैं राजनीति में मतभेद होने चाहिए मनभेद नहीं. इसी को चरितार्थ करता वाकया मंगलवार को जमुई (Jamui) के के. के. एम. कॉलेज (KKM College) परिसर में नजर आया, जहाँ जमुई विधानसभा (Jamui Assembly) सीट से प्रत्याशी अजय प्रताप (Ajey Pratap) एवं श्रेयसी सिंह (Shreyasi Singh) ने साथ-साथ प्रवेश किया. यह नजारा दिलचस्प और सबको आश्चर्यचकित कर देने वाला था. कारण यह कि वर्ष २०१५ के विधानसभा चुनाव में अजय प्रताप (Ajay Pratap) भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के प्रत्याशी के रूप में जमुई (Jamooi) से चुनाव लडे थे.

वे इस वर्ष भी टिकट के दावेदारों की सूचि में शीर्ष पर थे, लेकिन अंत समय में भाजपा (BJP) ने गोल्डन गर्ल श्रेयसी सिंह (Golden Girl Shreyasi Singh) को जमुई से प्रत्याशी बनाया. इससे आहत अजय प्रताप ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (Rashtriya Lok Samata Party) का दामन थामा और पंखा छाप पर चुनाव लड़ने जमुई के मैदान में उतर गए.

बता दें कि अजय प्रताप वर्ष २०१० में जदयू के टिकट पर जमुई से विधानसभा चुनाव जीते थे. वे बिहार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह (Narendra Singh Bihar) के पुत्र हैं. अजय प्रताप की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक रही है. वहीं श्रेयसी सिंह की पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर की है. वे निशानेबाजी (Shooting) में भारत (India) को स्वर्ण पदक (Gold Medal) दिलवा चुकी हैं. साथ ही उनके माता-पिता की भी राजनीति में बड़ी पहचान रही है.

पहले चरण में २८ अक्टूबर को जमुई विधान सभा सीट के लिए वोट डाले गए. इसके पहले चुनाव प्रचार में भी नेताओं ने मतदाताओं को रिझाने में खूब जोर लगाया. मतगणना के बाद श्रेयसी को जीत मिली है. उन्होंने राजद (RJD) के प्रत्याशी विजय प्रकाश (Vijay Prakash) को रिकॉर्ड मतों से पराजित किया है. वहीं रालोसपा (RLSP) अजय प्रताप भी कड़ी टक्कर देते नजर आये. वैसे मतगणना केंद्र पर अजय प्रताप और श्रेयसी सिंह की साथ एंट्री ने कईयों के माथे पर बल दे दिया. अब देखना दिलचस्प होगा कि अगले पांच वर्षों तक नेता द्वय जमुई के हित में कितना कदमताल करते हैं.

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