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सोनो : पैरा मटिहाना की मां दुर्गा है सामाजिक सद्भाव की मिसाल

 

सोनो /Sono (किशोर कुणाल) : - प्रखंड के पैरा मटिहाना पंचायत के पैरा मटिहाना का दुर्गा मंदिर सामाजिक सद्भाव की एक मिसाल है। इस मंदिर से हिंदू समुदाय के साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोगों की भी अटूट आस्था जुड़ी है। मान्यता है कि पैरा मटिहाना की मां दुर्गा, संतान दायिनी है। सच्चे मन से जो भी मुरादे मांगी जाती है वह माता के आशीर्वाद से निश्चित रूप से पूरी होती है। यही कारण है कि नवरात्र के दिनों में प्रतिवर्ष यहां श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। बताया जाता है कि मटिहाना गांव निवासी बहादुर सिंह व राम सिंह, जो रिश्ते में चाचा भतीजा थे, ग्रामीणों के सहयोग से 1952 में उक्त मंदिर की नींव रखी थी। तब देवी मां की पिंडी मिट्टी की थी तथा मंदिर फूस का बनाया गया था।ग्रामीणों ने बताया कि मटिहाना निवासी बहादुर सिंह को संतान नहीं हो रहा था। इसके लिए उन्होंने कई वैद्य, डॉक्टरों,ओझा आदि से इलाज करवाया पर कोई फायदा नहीं हुआ। इस दौरान बहादुर सिंह की पत्नी ने एक रात स्वप्न देखा कि माता रानी ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद दिया है। सुबह उठ कर उसने यह बात अपने पति बहादुर सिंह को बताई। दंपति ने फौरन माता का मंदिर स्थापित करने का निर्णय लिया।चाचा राम सिंह व ग्रामीणों के सहयोग से अभी मंदिर निर्माण का कार्य चल ही रहा था कि बहादुर सिंह को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। इसके बाद से पैरामटिहाना की दुर्गा मां, संतानदायिनी कहलाने लगी। संतान प्राप्ति की कामना लेकर यहां आने वाले भक्तों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। साथ ही शुरुआती दौर में फूस से बना यह मंदिर वर्तमान समय में ग्रामीणों के सहयोग से पूरी तरह आधुनिक स्वरूप में है।


 माता में मुस्लिम समुदाय का भी है विश्वास -


महाअष्टमी, महानवमी के दिन आसपास के दर्जनों मुस्लिम परिवार मन्नतें पूरी होने पर हिंदू भक्तों के द्वारा यहां बकरे की बलि दिलवाते हैं, जो माता के प्रति मुस्लिम समुदाय की आस्था को प्रकट करता है। बताया जाता है कि मोहम्मद गुलाम का पुत्र सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी हो गया था,जो अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा था। पीड़ित परिवार ने माता से आशीर्वाद मांगा और मां की कृपा से मोहम्मद गुलाम का पुत्र बिल्कुल ठीक हो गया। इसी प्रकार की घटना मोहम्मद निसार के पुत्र के साथ भी हुई। वह भी मां के आशीर्वाद से भला चंगा हो गया। इसके साथ ही मां की कृपा से हिंदुओं के साथ ही मुस्लिम समुदाय के कई निःसंतान दंपतियों को भी संतान प्राप्त हुआ। हालांकि मुस्लिम समुदाय के लोग मंदिर में प्रवेश नहीं करते हैं,पर मन्नतें पूरी होने पर हिंदू भक्तों, पुजारियों के सहयोग से माता की विधिवत पूजा करवाते हैं।




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