आज 15 अगस्त यानि भारत के स्वतंत्रता का शुभ अवसर है। इसलिए आप सभी पाठकों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। इसी उपलक्ष्य में प्रस्तुत है शुभांगना गौरव की एक कविता “मेरा भारत, मेरी शान"। इस कविता को लिखने का उद्देश्य लोगों में देशप्रेम, भारतीय वीरों, महापुरुषों, क्रांतिकरियों और संस्कृति के प्रति सदभाव, सद्प्रेरणा विकसित करना है। आशा है आपको यह कविता पसंद आएगी।
_मेरा भारत, मेरी शान_
भारत की संस्कृति महान
है हमारी सभ्यता की पहचान
विश्व इसका करे सम्मान
मेरा भारत, मेरी शान।।
शांति, प्रगति का उत्थान
वीरों की इसमें बस्ती जान
हम सब की ये आन
मेरा भारत, मेरी शान।।
प्रकृति इसका करे गुणगान
सत्य, अहिंसा का पथ महान
आकर्षण का यह उद्गाम
मेरा भारत, मेरी शान।।
मिलकर भारतवासी हम
आज करे ये एक प्रण
भारत की संस्कृति अपनाएं
भारत को महान बनाएं।
अगर आपको यह कविता अच्छी लगे तो इसे शेयर जरुर करें। ताकि सभी लोग भारत की महान संस्कृति और अपनी स्वतंत्रता का सदुपयोग करें तथा भारतीय संस्कृति फिर से जागृत करें। जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳