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गुरुवार, 6 अगस्त 2020

जमुई : बिराजपुर गांव में असामाजिक तत्वों ने मचाया उपद्रव



>>  पूर्व विधायक के हस्तक्षेप पर एक्शन में आई पुलिस, ग्रामीणों में आक्रोश  

Jamui News |  जमुई जिले के चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र के बिराजपुर गांव में एक मनचले व्यक्ति के साथ मिलकर कुछ असामाजिक तत्वों ने एक छोटी सी विवाद को लेकर पूरे गांव में जमकर उपद्रव मचाया, लोगों के घरों पर पत्थरबाजी की गई। हथियार दिखाकर लोगों को भयभीत किया।  मामला है बीते 02 अगस्त की रात्रि की। घटना की जानकारी मिलने के बाद बिराजपुर गांव पहुंची चंद्रमंडीह थाना की पुलिस ने ग्रामीणों की एक नही सुनी, हमेशा उपद्रवियों के पक्ष में बातें करते रहे, लेकिन चकाई के पूर्व विधायक सुमित सिंह के हस्तक्षेप पर तीन दिन बाद पुलिस एक्शन में आई।
जानकारी के अनुसार कुछ दिन पूर्व ग्रामीण जगरनाथ यादव के ट्रैक्टर की बैट्री चोरी हो गई थी। ट्रैक्टर मालिक का भतीजा कैलास यादव द्वारा बिना किसी साक्ष्य के दबाव पूर्वक चोरी का आरोप ग्रामीण दीपक यादव एवं विकास यादव पर लगाकर बैट्री की मांग की जाने लगी। जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच काफी झड़प हुई, लाठी, डंडे तक कि नौबत आ चुकी थी हलाकि ग्रामीणों के समझाने बुझाने पर उक्त तनाव को तत्काल शांत किया गया था। इस संदर्भ में ग्रामीण सोहन याद, लालबहादुर यादव, गुलटन यादव, नौरंगी पांडेय, तेजो यादव, गोरेलाल यादव, शम्भू यादव, मुकेश यादव, राजेंद्र यादव, एतवारी यादव, अर्जुन यादव, रंजीत मोदी, दिलीप मोदी, शकुंतला देवी, नीतीश यादव, पम्मी भारती, मंजू देवी, अंजू देवी, ब्रहमी देवी सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच झड़प शांत होने के बाद 02 अगस्त की रात्रि पुनः मनचले कैलाश यादव एवं उनके भाई द्वारा दूसरे गांवों से लगभग दो दर्जन से अधिक असामाजिक तत्वों के लोगों को बुलाया गया, इस टीम में कुछ ऐसे लोग भी शामिल थे जिसपर कई आपराधिक मुकदमे भी लंबित है, शराब के नशे में धूर्त होकर लोगों ने पूरे गांव में जमकर हंगामा किया, दीपक यादव के घर पर पत्थरबाजी तक किया। हथियार दिखाकर गांव में दहशत का माहौल बना दिया। हलाकि इसी क्रम में ग्रामीणों ने चंद्रमंडीह थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार को भी फोन पर जानकारी देकर स्थिति को अविलम्ब नियंत्रित करने की विनती किया, लेकिन पुलिस जबतक आई कुछ असामाजिक तत्व फरार हो चुके थे तो कुछ कैलाश के घर मे छुप गया था।पुलिस के आने के बाद उल्टे ग्रामीणों पर ही भड़क उठे. थानाध्यक्ष ने किसी भी ग्रामीणों की एक नही सुनी। असामाजिक तत्वों द्वारा उपद्रव की बात उन्होंने मुंह तक नही लगने दिया। ग्रामीणों का कहना था कि थानाध्यक्ष एवं आरोपी का संबंध अच्छा होने के कारण कार्यवाई नहीं कर रहे थे, व्यक्ति थाना का बिचौलिया है इसलिए हम ग्रामीणों की बात नही सुनकर उसके पक्ष में बात कर रहा है। थानाध्यक्ष के उल्टे तेवर को देखकर हमलोगों ने पूर्व विधायक सुमित सिंह को घटना की जानकारी दी, पूर्व विधायक द्वारा फटकार लगाने के बाद थानाध्यक्ष ने मामले को गम्भीरता से लिया और जांच में जुटी है।


कहते है विधायक -

विराजपुर गांव की घटना के सम्बंध में पूर्व विधायक सुमित सिंह ने बताया कि घटना में थानाध्यक्ष ने पक्षपात करने की कोशिश की है, हलाकि मेरे कहने पर मामले में संज्ञान लिया गया है, यदि अब भी पुलिस की रवैये में सुधार नही हुई तो वरीय पदाधिकारियों से कहकर थानाध्यक्ष पर शख्त कार्रवाई की जाएगी। 

 कहते है थानाध्यक्ष -

विराजपुर गांव की घटना के संदर्भ में थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने बताया कि घटना के समय मैं खुद घटनास्थल पर गया था लेकिन वहां कोई उपद्रवी नही था और ना ही किसी प्रकार का उपद्रव हुआ था, फिर भी यदि ग्रामीण इस प्रकार के आरोप लगा रहे है तो घटनास्थल के निकट लगी सीसीटीवी फुटेज जांच के उपरांत जो भी वास्तविकता सामने आएगी उस अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 

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