[ News Desk । अभिषेक कुमार झा ] :- वर्तमान में जहां कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग पर पूरा महकमा आ टिका है वहीं, शहर स्थित सदर अस्पताल की विधि-व्यवस्था डमाडोल दिख रही है, जिसका खामियाजा यहां आए मरीजों को भुगतना पड़ता है। यूं तो सरकार द्वारा मरीजों के इलाज को लेकर ओपीडी तथा आपातकालीन चिकित्सा की व्यवस्था की गई है, पर यहां जब चिकित्सक नदारद रहे तो स्थिति समझा जा सकता है।
दर असल, ओपीडी के लिए निर्धारित समय सुबह 8:00 बजे से दोपहर बाद 2:00 बजे तक का है, लेकिन मंगलवार सुबह 11:00 बजे तक रोस्टर के अनुसार ड्यूटी के अनुरूप महिला चिकित्सक डॉ. श्वेता कुमारी सिंह अस्पताल से नदारद दिखी। इसको लेकर जब सैंकड़ो की संख्या में कतारबद्ध मरीजों ने हंगामा किया तो स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा इसकी जानकारी सिविल सर्जन डॉ. विजयेंद्र सत्यार्थी को दी गयी। सीएस ने स्वास्थ्य प्रबंधक रमेश कुमार पांडेय के साथ मरीजों को हो रही परेशानी की जानकारी लेकर ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मी से पूछताछ करते हुए उन्होंने बताया कि अस्पताल में समय का ख्याल रखते हुए सबको अपना कर्तव्य निभाना होगा अन्यथा दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने मरीजों को सोशल डिस्टेंसिंग में रहने की अपील करते हुए सभी को मास्क लगाने की बात कही। पूछताछ में पता चला कि किसी कार्य से महिला चिकित्सक डीएस कार्यालय में थी। इसी क्रम में आशा कार्यकर्ता के चोला में नजर आ रहे महिला बिचौलियों को सीएस ने अस्पताल के बाहर का रास्ता दिखाया।
सीएस डॉ. सत्यार्थी ने कहा कि उपलब्ध संसाधन के आधार पर आम लोगों को चिकित्सा मुहैया कराना हमलोगों का दायित्व है। सीएस ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि अस्पताल में समय का ख्याल रखते हुए सबको अपना कर्तव्य निभाना होगा, अन्यथा दोषी लोग कार्रवाई के पात्र बनेंगे ।