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सिमुलतला आवासीय विद्यालय : फेल हो गया सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट!


न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा 】:-

जमुई जिले का गौरव एवं टॉपर्स फैक्ट्री के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले सिमुलतला आवासीय विद्यालय ने इस बार टॉपरों का उत्पादन कम कर दिया है।

यह विद्यालय बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रॉजेक्ट में से एक थी, जिसे वर्ष 2010 में स्थापित की गई थी। पर बीते दिन बिहार बोर्ड द्वारा जारी किए गए मैट्रिक की रिजल्ट में सिमुलतला आवासीय विद्यालय के प्रदर्शन ने जिलेवासियों को उपेक्षित कर दिया है। नक्सल प्रभावित होने के बावजूद कभी टॉप 10 में सर्वाधिक बच्चों की मेधा प्रस्तुत करने वाला यह विद्यालय आज अपने हैट्रिक से चूक गया है।
बता दें, बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में सिमुलतला आवासीय विद्यालय के बच्चे वर्ष 2015 से ही मेरिट लिस्ट में अपनी जगह बना रहे हैं। वर्ष 2017 को यदि छोड़ दें तो पिछले पांच सालों में बिहार की झोली में इस विद्यालय ने टॉपरों की बौछार की है लेकिन, ऐसा पहली बार हुआ है कि टॉप टेन की लिस्ट में सिमुलतला के 10 प्रतिशत से भी कम बच्चे रहे हों।-
बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने के पहले साल से लेकर अब तक यह विद्यालय कुल 116 टॉपर का उत्पादन कर सिमुलतला आवासीय विद्यालय अपना ऐतिहासिक सफलता दर्ज करवा चुकी है।


*- पिछले 5 वर्षों में टॉपर का आंकड़ा एक नजर में-

वर्ष     - संख्या
2019 - 16
2018 - 16
2017 - 12
2016 - 42
2015 - 30

*- सिमुलतला आवासीय विद्यालय के टॉपर -

रैंक -  नाम  -   प्राप्तांक 

7वां -  राज रंजन  - 474/500

8 वां- बमबम कुमार - 473/500

10वां - रोहित कुमार - 441/500

वर्ष 2020 की मैट्रिक रिजल्ट में 41 बच्चे ही टॉप 10 की सूची में शामिल हैं, जिसमें से तीन बच्चे ही सिमुलतला आवासीय विद्यालय के हैं। ऐसे में रिजल्ट की पीच पर विद्यालय का हैट्रिक से चूक जाना जिलेवासियों को काफी कचोट रहा है।