पटना | अनूप नारायण :
बिहार से बाहर फँसे लोगों को वापस लाने के लिए सरकार के पास अभी तक कोई ठोस कार्य योजना नहीं है। जिन नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गयी है उनके मोबाइल या तो स्विच ऑफ है या किन्ही कारणों से लग नहीं रहे है। हम समझते हैं कि ये अधिकारी पहले ही बहुत सारे कामों के प्रति समर्पित है। जब तक सभी बिहारवासी वापस नहीं आ जाते तब तक सरकार द्वारा संचालित 24*7 कार्यरत एक समर्पित केंद्रीकृत युद्ध कक्ष और वैकल्पिक हेल्पलाइन्स होनी चाहिए जहाँ हर कॉल रिसीव हो एवं समस्या को सुन उसका उचित समाधान निकाला जाए।
बिहार सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं के बारे में पूछताछ करने वाले ऐसे हज़ारों फ़ोन हमारे पास आ रहे है। फंसे हुए मज़दूरों को वापसी की पंजीकरण प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी नहीं है जिससे उनके बीच भ्रम और चिंता की स्थिति है।
मेरा अनुरोध है कि बिहार सरकार तेजी से इस दिशा में कार्य कर सारी विवरणी और जानकारी जैसे कि लोग कैसे नोड़ल अधिकारी से संवाद करे, कैसे पंजीकरण करें, दूरस्थ स्थानों पर फँसे लोगों का भोजन और यात्रा इत्यादि का प्रबंध कर बिहार सरकार कैसे संबंधित राज्य सरकार से समन्वय स्थापित कर उन्हें स्टेशन तक लेकर आएगी इत्यादि सब सूचना को वीडियो और सोशल मीडिया के माध्यम से युद्धस्तर पर प्रचारित-प्रसारित करना चाहिए। हम सरकार को इस समन्वय में सहायता करने के इच्छुक हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ प्राप्त हो और वह अपने घर आ सकें।
बिहार से बाहर फँसे लोगों को वापस लाने के लिए सरकार के पास अभी तक कोई ठोस कार्य योजना नहीं है। जिन नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गयी है उनके मोबाइल या तो स्विच ऑफ है या किन्ही कारणों से लग नहीं रहे है। हम समझते हैं कि ये अधिकारी पहले ही बहुत सारे कामों के प्रति समर्पित है। जब तक सभी बिहारवासी वापस नहीं आ जाते तब तक सरकार द्वारा संचालित 24*7 कार्यरत एक समर्पित केंद्रीकृत युद्ध कक्ष और वैकल्पिक हेल्पलाइन्स होनी चाहिए जहाँ हर कॉल रिसीव हो एवं समस्या को सुन उसका उचित समाधान निकाला जाए।
बिहार सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं के बारे में पूछताछ करने वाले ऐसे हज़ारों फ़ोन हमारे पास आ रहे है। फंसे हुए मज़दूरों को वापसी की पंजीकरण प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी नहीं है जिससे उनके बीच भ्रम और चिंता की स्थिति है।
मेरा अनुरोध है कि बिहार सरकार तेजी से इस दिशा में कार्य कर सारी विवरणी और जानकारी जैसे कि लोग कैसे नोड़ल अधिकारी से संवाद करे, कैसे पंजीकरण करें, दूरस्थ स्थानों पर फँसे लोगों का भोजन और यात्रा इत्यादि का प्रबंध कर बिहार सरकार कैसे संबंधित राज्य सरकार से समन्वय स्थापित कर उन्हें स्टेशन तक लेकर आएगी इत्यादि सब सूचना को वीडियो और सोशल मीडिया के माध्यम से युद्धस्तर पर प्रचारित-प्रसारित करना चाहिए। हम सरकार को इस समन्वय में सहायता करने के इच्छुक हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ प्राप्त हो और वह अपने घर आ सकें।