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हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा बिहार में शराबबंदी को चुनावी मुद्दा बनाने में जुटा!

पटना : बिहार महागठबंधन (Bihar Mahagathbandhan) में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) (Hindustani Awam Morcha) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) राज्य में शराबबंदी को इस साल होने वाले चुनाव में मुद्दा बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। मांझी जहां एक ओर शराब को कभी-कभी दवा के रूप में पेश करने की बात करते हैं, वहीं बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban) को वह पूरी तरह असफल भी बताते हैं। बिहार में शराबबंदी को लेकर भले ही कई लोग खुश हैं, परंतु इस कानून के लागू होने से कई लोग सरकार से नाराज भी हैं। ऐसे में मांझी इस शराबबंदी को लेकर चुनाव (Bihar Election) में उतरने की कोशिश में लगे हुए हैं।

मांझी ने कहा, "शराब कभी-कभी दवा के रूप में भी पेश की जाती है। हमें इसका अनुभव है। बहुत पहले मैं हैजा से पीड़ित था तब एक नुस्खे ने मुझे बचा लिया।"

उन्होंने पूर्णिया के एक कार्यक्रम में कहा, "थोड़ा शराब पीना काम करने वाले श्रमिकों के लिए संजीवनी के बराबर होता है, जो दिन भर कमरतोड़ मेहनत कर अपने घर लौटते हैं। हमारी सरकार या हम समर्थित सरकार बनी तो शराबबंदी कानून बदलने का काम करेगी।"

इस बयान के बाद बिहार में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। बिहार के भूमि सुधार मंत्री राम नारायण मंडल (Ram Narayan Mandal) ने कहा कि शराब किसी के लिए भी नुकसानदेह है। उन्होंने दावा किया कि लोग शराब पर प्रतिबंध लगाने से खुश हैं और यह हमेशा के लिए रहने वाला है।

भाजपा के विधान पार्षद संजय मयूख (BJP MLC Sanjay Mayukh) ने कहा कि शराबबंदी राजनीतिक (political) मुद्दा नहीं है, और इसे राजनीति (politics) में नहीं घसीटा जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि बिहार में वर्ष 2016 से किसी भी प्रकार की शराब की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध है।