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जमुई : बंदी के समर्थन में सड़क पर उतरे विभिन्न दल के लोग, केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी


जमुई/न्यूज़ डेस्क ( मो. अंजुम आलम) :-

सीएए, एनआरसी और एनपीआर को वापस लेने की मांग को लेकर बहुजन क्रांति मोर्चा के राष्ट्रव्यापी भारत बंद के समर्थन में बुधवार को विभिन्न पार्टी के लोग सड़क पर उतर आए। बड़ी संख्यां में लोगों ने शहर के कचहरी चौक को पूरी तरह जाम कर दिया। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। तकरीबन दो घंटे से अधिक समय तक कचहरी चौक को जाम रखा गया। बिल्कुल आवागमन को ठप कर दिया गया।


 बता दें कि कचहरी चौक पर भाकपा माले, के जिला सचिव शम्भू शरण सिंह, आइसा के राज्य उपाध्यक्ष बाबू साहब, ऐक्टू के जिला प्रभारी बासुदेव रॉय, इंक़लाबी नौजवान सभा के जिला प्रभारी जयराम तुरी, सीपीआई के सहायक सचिव गजाधर रजक,अधिवक्ता मासूम रजा, रूपेश सिंह वामसेफ के जिला संजोजक दसरथ मंडल, जाप के जिलाध्यक्ष अभिनाश प्रताप सिंह और हम पार्टी के शिवटहल माँझी के नेतृत्व में बड़ी संख्यां में लोगों की भीड़ कचहरी चौक पर बैठकर सभा में तब्दील हो गई। 


सभा की अध्यक्षता करते हुए आइसा का प्रदेश उपाध्यक्ष बाबू साहब ने कहा कि सरकार अगर सीएए, एनआरसी और एनपीआर जैसे काले कानून को वापस नहीं लिया तो दिल्ली जैसे  शाहीन बाग जमुई में भी लगेगा। एनआरसी, सीएए और एनपीआर को लेकर जो आंदोलन जामिया और जेएनयू से आरंभ हुई थी वह लड़ाई अब देश के गली-कूचों में फैल गई है। केवल अल्पसंख्यक समुदाय के लोग ही नहीं बल्कि छात्र- नौजवान और न्यायपसंद नागरिक इसकी अगली कतार में हैं।


मौके पर उपस्थित भाकपा माले के जिला सचिव शम्भु शरण सिंह ने कहा कि आज संविधान की शपथ खाकर सत्ता में आई भाजपा संविधान को ही नष्ट करने में लगी हुई है। न्यायालय से खुद राज्य से बाहर निकलने की सजा भुगत चुका व्यक्ति आज लोगों को देश से निकालने की साजिश रच रहा है। उन्होंने कहा कि कुर्बानी से हासिल देश की एकता व गंगा- जमुनी तहजीब को खत्म किया जा रहा है। सभा को सम्बोधित करते हुए ऐक्टू की जिला प्रभारी बासुदेव रॉय ने कहा कि  विरोध की आवाज को दबाने के लिए भाजपाई गुंडों के साथ तालमेल कर देश की पुलिस विदेशी हमलावरों की तरह देश के आम नागरिकों खासकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों व छात्र- नौजवानों पर टूट पड़ी है।
इंक़लाबी नौजवान सभा के जिला प्रभारी जयराम तुरी ने कहा कि असम में पहली सूची में 40 लाख और अंतिम सूची में 19 लाख से ज्यादा लोगों के नाम नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर से बाहर कर दिए गए और तुरंत ही खबर आई कि नागरिकता खारिज लोगों के लिए बनाए गए यातनागृह- डिटेंशन कैंप में 29 लोग मारे गए हैं। राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद के परिवार के लोगों, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कारगिल युद्ध के सैनिक अधिकारी सनाउल्लाह व असम की इकलौती महिला पूर्व मुख्यमंत्री सैयदा अनोवारा तैमूर जैसे लोगों के नाम देश की नागरिकता से खारिज कर दिया गया है।
मौके पर उपस्थित वार्ड आयुक्त मु. फिरोज़ आलम उर्फ डिसू, मु. शाहिद, मु. रिजवान, मु. समीर, सुभाष सिंह, मु. निसार अहमद, मु. हैदर अंसारी, फैयाज अंसारी, ब्रह्मदेव ठाकुर, दयानंद सिंह, राजा कुमार, सहित बड़ी संख्यां में लोग उपस्थित थे।