गिद्धौर/जमुई :
साहित्यक को समाज से जोड़ने की दिशा में एक नवीन शुरुआत करते हुए हिंदी की सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं बौद्धिक प्रकल्प पगडंडी जमुई द्वारा रविवार को गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत केतरु नवादा एवं गंगरा में नुक्कड़ साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। समाज को मर्यादित रखने और राजनीति को नया आयाम देने में साहित्य का आदिकाल से योगदान रहा है। ऐसे में दिनोंदिन साहित्य के समाज से बढ़ती दूरी को खत्म करने के लिए पगडंडी द्वारा मंच प्रदान करने का काम किया गया।
साहित्यक को समाज से जोड़ने की दिशा में एक नवीन शुरुआत करते हुए हिंदी की सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं बौद्धिक प्रकल्प पगडंडी जमुई द्वारा रविवार को गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत केतरु नवादा एवं गंगरा में नुक्कड़ साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। समाज को मर्यादित रखने और राजनीति को नया आयाम देने में साहित्य का आदिकाल से योगदान रहा है। ऐसे में दिनोंदिन साहित्य के समाज से बढ़ती दूरी को खत्म करने के लिए पगडंडी द्वारा मंच प्रदान करने का काम किया गया।
केतरु नवादा स्थित काली मंदिर के निकट दोपहर 12 बजे एवं गंगरा मुख्य चौक के निकट दिन के 2 बजे नुक्कड़ साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता पगडंडी जमुई के अध्यक्ष डॉ. रविश कुमार सिंह ने की।
नुक्कड़ साहित्यिक कार्यक्रम में कविता, लघुकथा एवं संगीत गायन के माध्यम से साहित्यिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक प्रस्तुतियां दी गईं। साथ ही सामाजिक सरोकारों से संबंधित मुद्दे, जैसे हत्या, अपहरण, बलात्कार, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण आदि पर भी आम-आवाम में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया।
कार्यक्रम में संजय कुमार सिंह, अरुण कुमार आर्य, सुरेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ कवि जी, रोहित कुमार, गणेश विश्वकर्मा, सुजीत कुमार, गोपाल पांडेय एवं रवि पांडेय ने अपनी प्रस्तुति दी। इस मौके पर सैंकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष एवं बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया।