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गुरुवार, 19 सितंबर 2019

मुन्ना सिंह कस्टोडियल डेथ मामले के आरोपी दरोगा को कोर्ट ने किया बरी, गिद्धौर में थे पोस्टेड

gidhaur.com | न्यूज़ डेस्क】 :-
चर्चाओं के बाजार में 'मुन्ना सिंह' हत्याकांड मामले ने काफी तूल पकड़ा था। मुन्ना सिंह कस्टोडियल डेथ मामले में आरोपी बर्खास्त दरोगा सत्यव्रत भारती को न्यायालय ने बरी कर दिया। मुन्ना सिंह कस्टोडियल डेथ के मामले में नगर थाने में कांड संख्या 154/13 दर्ज की गई थी। इस मामले में तत्कालीन जमुई के दरोगा जितेंद्र कुमार और गिद्धौर के तत्कालीन दरोगा सत्यव्रत भारती को नामजद अपराधी बनाया गया था। बाद में विभाग ने दोनों को बर्खास्त कर दिया था। 


आरोप था कि बैकुंठ अपहरण कांड में प्राथमिकी अभियुक्त को गिरफ्तार कर उसकी पिटाई कर दी गई थी और थाना में भी पिटाई हुआ था । पिटाई से गंभीर रूप से घायल मुन्ना सिंह का पीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गई थी । मौत से पहले मुन्ना सिंह ने अपने लिखित बयान कोर्ट को भेजा था और जमुई अस्पताल में कई न्यायिक पदाधिकारियों के समक्ष अपना बयान दिया था।
2 महीने पूर्व उच्च न्यायालय ने इस मामले में फैसला सुनाया था कि 2 महीने के अंदर मामले का ट्रायल करके इसका निष्पादन करें । एडीजे प्रथम अजय कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय में केस का ट्रायल शुरू हुआ। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अमित कुमार ने अपनी दलीलें रखी। 


खैर, पुलिस को सहमने पर मजबूर कर देने वाले बहुचर्चित मुन्ना सिंह हत्याकांड  में लम्बे अरसे के बाद पुलिस को एक बड़ी राहत कोर्ट के फैसले से मिली है।
अधिवक्ता अमित कुमार के माध्यम से मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में आत्मसमर्पण के बाद से लगातार अमित कुमार के द्वारा उनकी रिहाई के लिए साक्ष्य और दस्तावेजों को प्रस्तुत किया जा रहा था। आत्मसमर्पण के बाद से वे जेल में ही थे। इस कांड में कुल 14 लोगों का बयान सत्यव्रत भारती के खिलाफ में कराया गया था, साथ ही कई दस्तावेज भी प्रस्तुत किए थे। जांच प्रक्रिया के बाद बुधवार को जमुई कोर्ट ने उन सभी दस्तावेजों और सबूतों को मिथ्या बताते हुए अमित कुमार द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज और साक्ष्य को सही मानते हुए उन्हें बरी कर दिया।
ज्ञात हो कि इस कांड में एक अन्य आरोपी टाउन थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष जीतेंद्र कुमार आज भी जमुई जेल में मुन्ना सिंह हत्याकांड की सजा काट रहे हैं।
इधर इस घटना को लेकर अधिवक्ता अमित कुमार ने बताया कि उन्हें काफी खुशी हो रही है कि उनके वकालत के जीवन में एक बार फिर किसी निर्दोश व्यक्ति को इंसाफ दिलाने में सफलता प्राप्त की है।

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