गिद्धौर [सुशान्त सिन्हा] :
सावन की पहली सोमवारी पर गिद्धौर में लोग बाबा भोलेनाथ की उपासना में लोग लगे रहे। बीता सोमवार इस वर्ष के सावन का पहला सोमवार था। गिद्धौर स्थित बाबा बूढ़ानाथ मंदिर में सुबह से ही जलाभिषेक करने वालों का तांता लगा रहा। यह सिलसिला पूरे दिन चला।
सावन की पहली सोमवारी पर गिद्धौर में लोग बाबा भोलेनाथ की उपासना में लोग लगे रहे। बीता सोमवार इस वर्ष के सावन का पहला सोमवार था। गिद्धौर स्थित बाबा बूढ़ानाथ मंदिर में सुबह से ही जलाभिषेक करने वालों का तांता लगा रहा। यह सिलसिला पूरे दिन चला।
पुरोहित मदन पांडेय एवं विवेकानंद पांडेयजानकारों के अनुसार कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को सावन की पहली सोमवारी जयद योग के साथ था।
मान्यता है कि इस योग में देवाधिदेव की उपासना बेलपत्र और दूध से अभिषेक करने से श्रद्धालुओं के समस्त दोष समाप्त होते हैं और मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। सावन सोमवारी पर शिवभक्तों ने महादेव को प्रसन्न करने के लिए दूध, दही, घी, शहद व गंगाजल आदि से अभिषेक किया।
इस वर्ष सावन में दो सोमवार कृष्ण और दो शुक्ल पक्ष में पड़ रहे हैं। दो सोमवार को सोम प्रदोष व्रत तथा तीसरा कल्याणकारी नागपंचमी तथा हस्त नक्षत्र से युक्त होगा।
पुरोहितों की मानें तो पितृदोष व कालसर्पदोष से मुक्ति के लिए सोमवारी उपासना हितकारी है। शिव कृपा के महासंयोग में श्रद्धालुओं को भोलेनाथ की पूजा से स्थिर संपत्ति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। पूरे सावन गिद्धौर के मंदिरों में शिवभक्तों की भीड़ रहेगी। पूजा को लेकर पुरुषों से ज्यादा महिलाएं आगे नजर आईं। विभिन्न मंदिरों में महिलाओं की भारी तादाद थी। महिलाओं ने मनोकामना पूर्ति के लिए भोलेनाथ की विधिवत पूजा-अर्चना की।