[gidhaur.com | न्यूज़ नेटवर्क] Edited by - शुुुभम मिश्र :-
स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने का दावा करने वाली सुशासन सरकार के राज में इसकी जमीनी हकीकत कुछ अलग ही दास्तां बयां कर रही है।
माजरा जमुई जिले के खैरा प्रखंडान्तर्गत झुण्डो पंचायत के सोनेल गांव का है जहां स्वास्थ्य उपकेन्द्र भवन निर्माण का एक सुप्त मुद्दा प्रकाश में आया है।
स्थानीय वार्ड नं 12 के वार्ड सदस्य प्रमोद सिंह एवं ग्रामीण अजय सिंह, संजय सिंह, पिताम्बर सिंह आदि बताते हैं कि गांव में स्वास्थ्य उपकेन्द्र नहीं होने से ग्रामीणों को स्वास्थ्य संबंधित कठिनाइयों का सामना करना पड़ता आ रहा है। उन्हें सोनो या खैरा जाकर ईलाज करवाना पड़ता है; जो यहां से कोसों दूर है। रात में कोई ज्यादा बीमार पड़ जाये तो शायद भगवान भरोसे ही उनकी जिन्दगी बचती है।
खास कर महिलाओं को प्रसव हेतु सोनो ,खैरा या जमुई जाना पड़ता है। जबकि इलाके में और भी स्वास्थ्य केंद्र हैं, पर कुछ अपनी अव्यवस्था पर आंसू बहा रहा है,कुछ में सिर्फ कागजी खानापूर्ती होती है तो कुछ स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ कागजों पर चलते हैं।
--[- दो वर्ष पूर्व दिया जा चुका है आवेदन-] -
बताते चलें कि सोनेल में स्वास्थ्य उपकेन्द्र के भवन निर्माण को लेकर जनवरी 2017 में ग्रामीणों द्वारा एक आवेदन सिविल सर्जन जमुई को दिया गया था। शुरूआती दौर में संबंधित विभाग में कुछ सुगबुगाहट भी देखने को मिली। विभाग द्वारा अंचलाधिकारी खैरा को ज़मीन आवंटित करने को लेकर विभागीय पत्र भी जारी किया गया। तत्पश्चात अंचलाधिकारी खैरा के पत्रांक 320 दिनांक 24-05-2017 द्वारा आवंटित ज़मीन का विवरण सिविल सर्जन जमुई एवं कार्यपालक अभियंता भवन निर्माण विभाग जमुई को भी दिया गया।
बावजूद आज तक दो वर्ष बीत चुके हैं उक्त स्थल पर भवन निर्माण संबंधित कार्य नहीं किया गया है। मामले को ठंढे बस्ते में डाल दिया गया है। इससे साफ प्रतीत हो रहा है कि संबंधित विभाग के सुस्त रवैये के कारण सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
-- सीएस का है कहना --
इस संदर्भ में जब सीएस श्याम मोहन दास से बात की गई तो वे कहते हैं कि उन्हें मामले की सूचना नहीं है। उनके कार्यकाल में ग्रामीणों ने आवेदन नहीं दिया है। सूचना मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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