किऊल/जमुई (रंजन कुमार/गुड्डू बर्नवाल) :
किऊल एवं लखीसराय स्टेशन पर दीपावाली एवं छठ पूजा को लेकर बिहार से बाहर दिल्ली, मुंबई, पंजाब, कोलकाता एवं बंगलुरु समेत देश के विभिन्न राज्यों से आने वाली ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ काफी बढ़ गई है। स्लीपर बोगी में जहां यात्रियों को बैठने तक की जगह नहीं मिल रही है, वहीं जेनरल बोगियों में तो पांव रखने तक की जगह नहीं है। ऐसे में परदेस में काम करनेवाले मजदूरों को शौचालय तक में सफर करना पड़ रहा है। नियमित रूप से आनंद विहार, नई दिल्ली से आने वाली विक्रशिला एवं पूर्वा एक्सप्रेस में यात्रियों की भीड़ काफी बढ़ी हुई है। इन दोनो ट्रेन के जेनरल एवं स्लीपर बोगी के शौचालय में लोग सफर करने को मजबूर हैं। रविवार को विक्रमशिला एक्सप्रेस के जेनरल बोगी के शौचालय में यात्रियों को भरा हुआ देखा गया। खराब रिकॉर्ड वाली ट्रेनों में भी बर्थ नहीं: आम दिनों में दिल्ली से आने वाली अपर इंडिया एवं श्री गंगानगर से आने वाली तूफान एक्सप्रेस में यात्री सफर करना नहीं चाहते हैं, क्योंकि ये दोनो ट्रेनें दिल्ली से आने में 18 घंटे की जगह 40 से 48 घंटे लगा देती हैं। आमतौर पर इन दोनों ट्रेनों का आरक्षण बोगी लगभग खाली ही रहती है। जिस वजह से इन दोनों ट्रेनों को रेलवे द्वारा साल में लगभग दो माह के लिए बंद कर दिया जाता है। दीपावली एवं छठ पूजा में दिल्ली से आने वाले यात्रियों का आलम यह है कि 18 घंटे जगह 48 घंटे या इससे भी अधिक समय में अपने आने के लिए लखीसराय व किऊल पहुंचने वाली इन दोनों ट्रेन में भी कंफर्म टिकट नहीं मिल पा रही है। इन दोनो ट्रेनों में भी वेटिंग दो सौ से ऊपर चल रहा है। स्पेशल ट्रेनों में पूजा को लेकर अतिरिक्त कोच नहीं लगाने से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे प्रशासन के द्वारा दीपावली व छठ पूजा को लेकर इस रूट के यात्रियों के भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मात्र दो ट्रेन चलाई गई है। स्पेशल ट्रेन यात्रियो की भीड़ को कम करने में नाकाफी साबित हो रहा है। रेलवे द्वारा चलाया गया स्पेशल रूप से एक ट्रेन सप्ताहिक तो दूसरी सप्ताह में तीन दिन है। ऐसे में नियमित रूप से देश के विभिन्न राज्यों से आने वाली ट्रेनों पर यात्रियों को निर्भर रहना पड़ता है। इन ट्रेनों में भी लगभग दो से तीन माह पूर्व ही वेटिंग 200 तक पहुंच चुकी है। देश के विभिन्न हिस्सों से बिहार आने वाली कई ट्रेनों में तो 110 से 115 दिन पहले से ही वेटिंग हो चुकी है। लोग ट्रेन में भेड़-बकरी की तरह सफर करने को मजबूर है।
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