{गिद्धौर | अभिषेक कुमार झा}:-
भारतवर्ष में हिन्दू धार्मिक मान्यता में नयी फसल तैयार होने पर नेमान पर्व(नवान्न) मनाने की परंपरा काफी पुरानी रही है। इसी क्रम में रविवार को पूरे प्रखंड क्षेत्र में नवान्न पर्व नियम-निष्ठा के साथ मनाया गया।
रविवार की सुबह उपवास में लोगों ने इष्टदेव को फसल के नए अन्न का भोग तैयार कर उन्हें अर्पण किया। इष्टदेव व अग्निदेव को भोग अर्पण करने के बाद लोगों ने नए अन्न का भोजन ग्रहण किया।
स्थानीय निवासी पंडित कृष्ण मुरारी झा बताते हैं कि इस त्योहार में इष्टदेव को दही, चूड़ा, गुड़ व मूली का भोग लगाये जाने की परंपरा रही है।
प्रारंभिक स्तर से ही लोगों की ऐसी मान्यताएं रही है कि नवान्न पर्व मनाने से किसानों के घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
वर्तमान समय में हरेक त्योहारों के स्वरूप में बदलाव देखा जा रहा है, ऐसे में नवान्न का अपने अस्तित्व पर डटे रहना लोगों को इसकी महत्ता प्रकट करती है।