[News desk | अभिषेक कुमार झा]
पिछले कुछ दिनों से गिद्धौर डाक घर में युवकों की अच्छी खासी भीड़ देखी जा रही है। कुछ युवक स्पीड पोस्ट के लिए कतारबद्ध हैं तो कुछ पंजिकृत डाक के लिए बूकिंग काउन्टर पर अपना स्थान लेते नजर आए।
दरअसल, ग्रामीण कौशल विकास मिशन के तहत तीन पदों की मांगी गई रिक्तियां जो क्रमशः पब्लिक रिलेशन ऑफिसर, ब्लाॅक प्रोग्रामींग ऑफिसर, एवं मल्टी टास्किंग स्टाफ है। उक्त पदों के आवेदन के लिए 31 अगस्त की तिथि निर्धारित की गई थी। जिसको लेकर शुक्रवार तक गिद्धौर के डाकघर में मैट्रीक से लेकर स्नातक पास आवेदकों का तांता लगा रहा।
गिद्धौर में रोजगार के कोई अवसर न होने के कारण यहां बेरोजगारों की संख्या काफी अधिक है। गिद्धौर डाकघर के काउन्टर पर इसका असर भी इन चार दिनों में देखने को मिला।
अब, बेरोजगारी है, तो नौकरी के लिए फॉर्म भरना ही पड़ेगा और निर्धारित स्थान तक उसे भेजने के लिए गिद्धौर जैसे इलाके के लिए डाक विभाग ही एकमात्र सहारा है। फॉर्म भर कर उसे पोस्ट करने के बाद अभ्यर्थियों को सबसे अधिक चिंता उसके निर्धारित स्थान तक पहुंचने को लेकर होती है। लेकिन डाक विभाग का पोर्टल अपडेट नहीं होने से अभ्यर्थियों को पता ही नहीं चल रहा है कि पोस्ट करने के बाद उनके फॉर्म का स्टेट्स क्या है।
पैकेट बूकिंग कराने के बाद जो कोनसाइनमेन्ट नंबर आवेदकों को दिया गया, इंडिया पोस्ट की पोर्टल साइट से पैकेट को ट्रैक करने के बाद उसका अपडेट स्टटेस दो दिनों तक शिथिल पाया गया।
जिससे बूकिंग करने वाले अभ्यार्थियों को ये पता नहीं चल पाया कि उनका फाॅर्म कहां तक पहुंचा है और कब तक पहुंचने की संभावना है। युवकों ऐसी समस्या सबसे अधिक तब होती है जब फॉर्म भरने की अंतिम तिथि पोस्ट करते समय दो या तीन दिन बची हो।
नियमानुसार, बुकिंग के बाद से हर प्रक्रिया की जानकारी इंडिया पोस्ट के पाॅर्टल पर अपडेट होती है। सामान बुक कराने के बाद निर्धारित स्थान पर पहुंचने के बाद पोर्टल में इसका अपडेट होने का भी नियम है। इसके बाद भी ग्राहकों के सामान बुक होने के बाद पोर्टल में उसका अपडेट नहीं हो रहा है।
हलांकि, पड़ताल के दौरान उक्त संदर्भ में पूछे जाने पर गिद्धौर पोस्ट ऑफिस में कार्यरत डाककर्मी तकनिकी तर्क-वितर्क देकर अपना पल्ला झाड़ लिया।