~अनूप नारायण
लोकपाल एवं लोकायुक्त की माँगों को लेकर एक बार फिर अन्ना हजारे आगामी 2 अक्टूबर से आन्दोलन शुरू करेंगे। इस बार वे महाराष्ट्र स्थित अपने गाँव रालेगणसिद्धि में ही आंदोलन की शुरुआत करेंगे।
अन्ना हजारे ने देश भर के अपने कार्यकर्ताओं को भी अपने-अपने गाँव एवं जिले में ही आन्दोलन शुरू करने का अनुरोध किया है।
इस बाबत अन्ना हजारे ने अपने कार्यकर्ताओं के नाम एक पत्र जारी करते हुये लिखा है कि उन्होंने 23 मार्च 2018 को किसानों को खर्चा पर आधारित कृषि पैदावारी के दाम के लिये एवं लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के लिये दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन किया था। तब नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें अनशन छोड़ने के लिए लिखित आश्वासन दिया था कि उनकी माँगों पर जरूर अमल होगा। आगे अन्ना हजारे लिखते हैं कि 29 मार्च 2018 को अनशन छोड़ते समय उन्होंने सरकार को बताया था कि छह माह में उन आश्वासनों की पूर्ति हो, अन्यथा उन्हें पुनः आन्दोलन के लिये मजबूर होना पड़ेगा।
अन्ना लिखते हैं कि। पाँच माह बीत गये, पर अब तक केन्द्र सरकार ने इस दिशा में कुछ भी नहीं किया। उन्होंने पिछले पाँच माह में छह बार प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा लेकिन आश्वासन के बाद भी सरकार ने कुछ निर्णय नहीं लिया।
इसलिये 2 अक्टूबर 2018 को महात्मा गांधीजी के जयंती के अवसर पर किसानों को स्वामीनाथन आयोग के सिफारिशों के मुताबिक खेतीमाल का दाम मिले एवं लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्त हो, मुद्दों पर वे अपने गाँव रालेगणसिद्दि से आंदोलन शुरू करेंगे।
उन्होंने कार्यकर्ताओं एवं आम जनता से विनती की है कि जिन-जिन लोगों को लगता है कि आंदोलन करना जरूरी है, वे अपने-अपने गाँव, तहसिल एवं जिलों में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आंदोलन करें।
उन्होंने आंदोलन करने के लिए रालेगणसिद्दी आने से कार्यकर्ताओं एवं आम जनता से न आने का भी आग्रह किया है।
अन्ना हजारे ने कार्यकर्ताओं के नाम यह पत्र 26 अगस्त को देर शाम जारी किया है।
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