[gidhaur.com | सिमुलतला] :- यूं तो सरकार बच्चों को विद्यालय भेजने के प्रति जागरूकता पर करोड़ो रूपये खर्च कर रही है, लेकिन विद्यालयों में बच्चों को किताब उपलब्ध कराने के प्रति विभाग अब भी गम्भीर नही है। जी हां, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्यूंकि सिमुलतला क्षेत्र अंतर्गत संचालित विद्यालयों में नए सत्र का तीसरा माह बीतने को आ गया, बाबजूद अबतक विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं के खाते में किताब खरीद के लिए राशि उपलब्ध नहीं हो पाई है। जिसके कारण छात्र-छत्राओं सहित अभिभावक को भी अब यह चिंता सताने लगी कि कहीं पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी किताब के इंतजार में सत्र न बीत जाए।
[चालू सत्र होते ही खाते में डालनी थी राशि]
विभाग आदेशानुसार नए सत्र चालू होते ही छात्र छात्राओं के खाते में किताब की राशि डालनी थी। इसके लिए विद्यालय प्रधान को आदेश भी जारी किया गया था कि अभिलम्ब छात्र छात्राओं के बैंक खाते को अपडेट करें। इन सारी प्रक्रिया के बाबजूद अबतक छात्र छात्राओं के खाते में किताब की राशि उपलब्ध नही हो पाई है। क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के विद्यालय प्रधान की माने तो बिना किताबों के बच्चों को पढ़ाने में दिक्कत आती है। जिन छात्र छात्राओं के पास पुरानी किताबे है, उन्हीं के किताबों में अन्य बच्चे बैठकर या खड़े होकर झांकते है। जिससे कक्षा में अव्यवस्था फैल जाती है फिर व्यवस्था बनाने में दिक्कत आती है।
[क्या कहते हैं बीईओ]
इस मामले को लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी श्यामसुंदर सिंह ने बताया कि विद्यालय के खाते पर राशि भेज दिया गया है। विद्यालय प्रधान को आदेश दिया गया है कि इस सप्ताह में बच्चों के खाते पर राशि ट्रांस्फ़र कर दिया जाएगा।
यहां पाठकों को बता दें कि, सरकार के इस ढुलमुल रवैये से में बच्चों की पढ़ाई पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है पर यह सरकारी सिस्टम है कि अब भी बच्चों के भविष्य के प्रति सजगता नहीं दिखा रही।
(बीरेन्द्र कुमार)
सिमुलतला | 12/06/2018, मंगलवार
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