
[gidhaur.com | पटना ] :- आज तमाम कवायदों के बावजूद भी किसानों के बाल बच्चे ना ही अच्छे विद्यालयों में पढ़ पाते हैं और ना ही किसान अच्छे घर में बढ़िया से शादी कर पाता है जो सिर्फ खेती पर आधारित हो । सरकारी थोड़ा सा ध्यान दें तो किसानों की जीवन शैली बदल जाएगी। लोक जनशक्ति पार्टी युवाओं और किसानों के लिए काफी प्रयासरत है।
उक्त बातें एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए लोक जनशक्ति पार्टी, किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष रितेश कुमार सिंह ने gidhaur.com से कही।
जारी किए हुए विज्ञप्ति में उन्होंने किसानों के उपेक्षित स्थिति पर चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि सरकार चाहे केंद्र की हो या राज्य की किसानों के फसलों का समर्थन मूल्य तो तय कर देती है, परंतु सरकार के पास कोई सही आंकड़ा नहीं पहुंच पाता की पैदावार कितनी हुई और सरकारी केंद्रों पर खरीदा कितना गया ।
जारी किए हुए विज्ञप्ति में उन्होंने किसानों के उपेक्षित स्थिति पर चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि सरकार चाहे केंद्र की हो या राज्य की किसानों के फसलों का समर्थन मूल्य तो तय कर देती है, परंतु सरकार के पास कोई सही आंकड़ा नहीं पहुंच पाता की पैदावार कितनी हुई और सरकारी केंद्रों पर खरीदा कितना गया ।
सरकार को एक ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए की किसानों का फसल क्रय केंद्रों पर नियमित तौर पर खरीदा जाए और उसका भुगतान किया जाए। पर सरकार सिर्फ आदेश देकर चुपचाप बैठ जाती है।
उपाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि, प्रखंड स्तर के पदाधिकारी जैसे प्रखंड विकास पदाधिकारी या अंचलाधिकारी को यह जिम्मेदारी देनी चाहिए कि प्रत्येक पंचायत से किसानों से समयांतराल पर समीक्षा करें कि वह अपना अनाज सही समय पर बेच पाए या नहीं। अगर बेचे हैं, तो उनको भुगतान सही समय से मिला है या नहीं, दूसरा मुद्दा है किसानों के अनाजों के दाम बहुत कम तय किए जाते हैं। उसे 30 से 40% और बढ़ोतरी की आवश्यकता है। ऐसा करने से सारे किसानों की जिंदगी और जीवन शैली बदल जाएगी। उनके अनाजों के सही दाम मिलने लगेंगे और जो सरकारी क्रय केंद्र बने उस पर अनाजों का सही समय से कर उसे भुगतान किया जाए।
किसानों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए प्रेस विज्ञप्ति में श्री सिंह ने कहा है कि आज किसानों की जो स्थिति बनी हुई है उस पर। सरकार को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, चाहे वह सरकार किसी की हो। आज हम लोग एनडीए सरकार का हिस्सा है , परंतु हम किसानों के लिए सरकार से हमेशा ही मांग रखते हैं कि उनका भला हो जाए l
उपाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि, प्रखंड स्तर के पदाधिकारी जैसे प्रखंड विकास पदाधिकारी या अंचलाधिकारी को यह जिम्मेदारी देनी चाहिए कि प्रत्येक पंचायत से किसानों से समयांतराल पर समीक्षा करें कि वह अपना अनाज सही समय पर बेच पाए या नहीं। अगर बेचे हैं, तो उनको भुगतान सही समय से मिला है या नहीं, दूसरा मुद्दा है किसानों के अनाजों के दाम बहुत कम तय किए जाते हैं। उसे 30 से 40% और बढ़ोतरी की आवश्यकता है। ऐसा करने से सारे किसानों की जिंदगी और जीवन शैली बदल जाएगी। उनके अनाजों के सही दाम मिलने लगेंगे और जो सरकारी क्रय केंद्र बने उस पर अनाजों का सही समय से कर उसे भुगतान किया जाए।
किसानों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए प्रेस विज्ञप्ति में श्री सिंह ने कहा है कि आज किसानों की जो स्थिति बनी हुई है उस पर। सरकार को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, चाहे वह सरकार किसी की हो। आज हम लोग एनडीए सरकार का हिस्सा है , परंतु हम किसानों के लिए सरकार से हमेशा ही मांग रखते हैं कि उनका भला हो जाए l
जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति के अंत में उन्होंने कहा कि सूबे के गांव गांव तक संगठन विस्तार पर हमारा प्रयास चल रहा है।