[अलीगंज| चन्द्रशेखर सिंह] :- एक तरफ बिहार के मुखिया अपने मुख्यमंत्रीत्वकाल में, चौक चौराहों पर प्लेट-कप धोने वाले बच्चों को पुलिस स्कूल पहुंचाने की घोषणा करती है। वहींग दूसरी ओर गरीबी की मार झेल रहे गरीबों के बच्चे स्कूल जाने के बजाय खेतों में काम करना ,गाय भैस चराना ,मजदूरी करना आदि कामों से छुटकारा दिलाकर कौन स्कूल पहुंचायेगा,अलीगंज जैसे जगहों पर यह यक्ष प्रश्न है ।
इस सुंदर्भ में प्रो. रमेश प्रसाद सिंह ने बताया कि जिसके पेट में अन्न नही होगा उसके लिए शिक्षा कोई महत्त्व नही रखती है।पेट की जवाला अन्य सभी आकांक्षाओ को भष्मीभूत कर देती है।इसलिए सरकार को चाहिए सर्व प्रथम गरीब बच्चों को उनकी पेट की जवाला शान्त करने का ठोस उपाय करे।तब स्वतः शिक्षा के प्रति लोगों की जागरूकता बढेगी।उन्होंने ने यह भी बताया कि कोई भी योजना तभी सफल हो सकती है जब लोगों के पेट में अन्न होगा।
संस्कृत के एक शलोक में कहा गया है - " बभुक्षी किं न करोति पापम् " यानि एक भुखा आदमी कौन सा पाप नही कर सकता है।
शिक्षा के सवाल पर शिक्षा समिति के पूर्व सदस्य प्रभु दयाल सिंह ने बताया कि ग्रामीण बच्चे शिक्षको की लापरवाही के कारण भी शिक्षा से विमुख हो रहे हैं ।सरकार को सबसे पहले उन शिक्षकों पर कड़ी निगरानी रखनी होगी।जो शिक्षक पढ़ाने के बजाय गप मारते हैं।
अलीगंज प्रखंड के दक्षिण क्षेत्र में कई ऐसे विद्यालय हैं जहां समय से शिक्षक स्कूल नही पहुंचते और विद्यालय की सारी रजिस्ट्रर उनके थैले में रहती है।पहाड़ के तलहटी में महीनों दिन तक एमडीएम नही बनता है।कोई अधिकारी निरीक्षण करने नही जाते हैं।अगर सच्चाई पूर्वक स्कूल की निगरानी की जाय तो शिक्षा का स्तर में सुधार लाया जा सकता है।
आज के समय में 12 बजे शिक्षक पहुंचते हैं और दो बजे स्कूल छोड़ चल देते हैं।अगर इन सारी त्रुटियों को दूर नही किया गया तो बच्चों को समुचित शिक्षा का लाभ नही मिल पायेगा।सरकार को इस पर कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
क्या कहते हैं पद के अधिकारी :-
बिगडती शिक्षा व्यवस्था पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी विद्यानन्द सिंह ने बताया कि विद्यालय से वंचित बच्चों को स्कूल लाने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है।सरकार विद्यालय के प्रति बच्चे के झुकाव के लिए एमडीएम की भी शुरुआत कर रखी है।और स्कूल आने में शिक्षकों को भी समय की ध्यान रखना है।समय पर नही आने वाले शिक्षको की शिकायत मिलते कारवाई किया जायेगा।
खबर लिखने का आशय स्पष्ट करते चलें कि सरकार जहां सर्व शिक्षा अभियान के तहत गांवो के बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरूक बनाने में जुटी है।वहीं गांवो के बच्चों और अभिभावकों पर इसका कोई असर नही पड़ रहा है। यदि अभी भी इस संदर्भ में किसी प्रकार की सक्रियता नहीं दिखाई गई तो शिक्षा का ग्राफ यूं ही घटता रहेगा ।
अलीगंज (जमुई) | 12/2/2018,सोमवार
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