gidhaur.com (अलीगंज) :- प्रखंड मुख्यालय में मनरेगा भवन का निर्माण वर्ष 2012 में शुरू हुआ था।तब लोगों में एक आस जगी थी कि प्रखंड मुख्यालय में मनरेगा का अपना अलग कार्यालय होगा,और मनरेगा अधिकारियों व कर्मियों को सहुलियत होगी।
प्रखंड मुख्यालय में अभी भी एक कमरे में मनरेगा कार्यालय चल रहा है।मनरेगा कर्मियों के साथ साथ अधिकारियों को बैठक करने साथ रोजगार सेवकों को विकास कार्यों के निष्पादन में कार्यालय रहने के बाद अब आराम होगी।लेकिन जोर शोर के साथ शुरू हुए कार्य मात्र जमीन से पीलिंथ तक ही बन पाया और 05 वर्षों से अधुरा पड़ा है।
इस भवन का निर्माण लगभग 35 लाख की लागत से हर प्रखंड में मनरेगा कार्यालय के नाम से होना था,लेकिन प्रखंड मुख्यालय में भवन निर्माण शुरू होने के बाद 5 वर्षों में भी पुरा न होकर अधुरा ही पड़ा है। लिहाजा पूरे स्थल पर झाडियां व घास उग गये हैं। वहीं मनरेगा कर्मियों का कहना है कि भवन नही रहने से एक कमरे में ही सारे कार्यो को पुरा करना पड़ता है।
*35 लाख की लागत से होना था भवन का निर्माण*
मनरेगा भवन का निर्माण कार्य पुरा करने के लिए 35 लाख की लागत से होना था और कार्य एजेंसी के द्वारा लगभग दस लाख रूपये की निकासी भी हो चुकी है।पांच वर्षों से अधुरा पड़ा है और निर्माण कार्य बंद पड़ा है।
*कहते हैं बीडीओ साहब*
पूछने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी मो. जफर इमाम ने बताया कि मनरेगा कार्यालय भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था।लेकिन यह कार्य को पुरा करने एजेंसी पंचायत सचिव को बनाया गया था,और बीच में स्थानांतरण हो जाने के कारण बाधित हो गया है।जिसे जल्द ही पुरा कराने का प्रयास किया जा रहा है।
(चन्द्रशेखर सिंह)
अलीगंज | 16/02/2018, शुक्रवार
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