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गिद्धौर : बसंत के साथ मां शारदे का हुआ आगमन, धूमधाम से की गयी पूजा-अर्चना

प्रखंड कौशल विकास केन्द्र गिद्धौर में स्थापित मां की तैल्य चित्र
Gidhaur.com(न्यूज डेस्क) :- गिद्धौर समेत पूरे प्रखंड में सोमवार को विद्या की अधिष्ठात्री मां सरस्वती की पूजा अर्चना के साथ बंसत पंचमी धूमधाम के साथ मनाया गया। गिद्धौर से लेकर इसके गांव-गलियारे तक सरस्वती पूजा की धूम देखी गई।
गिद्धौर प्रखंड मुख्यालय स्थित कौशल विकास केन्द्र में केन्द्र समन्वयक सचिन कुमार, सहयोगी निरंजन कुमार, एलेफ राजेश कुमार के नेतृत्व में मां के तैल्य चित्र पर नवैद्य, फल, फूल व प्रसाद चढ़ाकर प्रशिक्षण प्राप्त कर्ताओं ने मां शारदे की पूजा अर्चना की।
गिद्धौर सार्वजनिक पुस्तकालय में स्थापित मां शारदे की भव्य प्रतिमा 
इसके अतिरिक्त गिद्धौर के सार्वजनिक पुस्तकालय, गिद्धौर सेन्ट्रल स्कूल, विनोबा भावे पब्लिक स्कूल,सत्य सांई पब्लिक स्कूल, स्वामी  विवेकानंद एकैडमी, उन्नति क्लासेज, द मेकिंग ऑफ रिमीडियल, बायोलाॅजी ट्यूटोरियल, मंगलम् क्लासेज समेत सभी सरकारी व गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई।
स्वामी विवेकनद एकेडेमी गिद्धौर में स्थापित मां सरस्वती की प्रतिमा

हर तरफ पूजा समिति पूजा की तैयारियों में  लगे हुए दिखे। हलांकि गत वर्ष की अपेक्षा इस साल सामान की कीमतें बढ़ी है, इसका असर पूजा की तैयारियों पर भी पड़ा है।
  • *पूजनोत्सव पर रहा डीजे वाले बाबू का दबदबा*

एक तरफ जहाँ प्रशासन द्वारा पूजा के दौरान डीजे पर रोक लगाई गई थी, वहीं दूसरी ओर तमाम पूजा पांडालों पर डीजे की ध्वनि गुंजायमान होकर तमाम प्रसाशनिक नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाते नजर आए।
पूजा पंडाल के अन्दर मां शारदे की प्रतिमा के दर्शन करते लोग
  • *सक्रिय दिखे प्रशासन*
पूजा के दौरान पुलिस प्रसाशन सक्रिय गश्ती करते नजर आए ताकि कोई भी असामाजिक तत्व किसी भी प्रकार का कुकृत्य प्रयास न कर सके।
  • *पूजनोत्सव पर बसंत का किया स्वागत*
पाठकों को यह भी बताते चलें कि, गिद्धौर समेत पूरे प्रखंड में बसंत पंचमी के अवसर पर वीणा वादिनी की आराधना के साथ बसंत ऋतु का स्वागत भी किया गया। इस दौरान मां सरस्वती के पूजनोत्सव पर छात्र छात्राओं ने मां सरस्वती की पूजा आराधना की और मां से बुद्धि विवेक प्रार्थना की। 
7 स्टार क्लब गिद्धौर में स्थापित मां की प्रतिमा
*क्या कहना है पंडितों का*
गिद्धौर के पंडित परमानंद झा एवं गंगरा के अश्विनी पाण्डेय बताते हैं कि इस दिन भगवान ब्रह्मा ने माता सरस्वती को प्रकट किया था, इसलिए इस दिन को माता का जन्मदिन भी मनाया जाता है। माता सरस्वती को शारदा, वाग्देवी, वीणावादिनी आदि नामों से भी जाना जाता है। लेकिन मूलत: वह विद्या, प्रज्ञा की देवी हैं इसलिए हम उनकी आराधना करते हैं।
(अभिषेक कुमार झा)
www.gidhaur.com | 22/01/2018(सोमवार)

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