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सोनो : बड़ी संख्या में लोगों ने उत्सव के रूप में मनाया नववर्ष का पहला दिन

Gidhaur.com (सोनो) : बीते 31 दिसंबर, रविवार की रात 11 बजकर 59 मीनट और 59 सेकेंड के बाद घड़ी की सुईयों के 12 पर दस्तक देते ही 2017 को अलविदा कह नये साल 2018 का स्वागत करते हुए सभी एक दूसरे को बधाई और शुभकामना देने में जुट गए. युं तो 1 जनवरी को नया साल मनाना सभी धर्मों व सभी वर्गों के लोगों के एकता कायम करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है. जिस कारण नये वर्ष के प्रारंभ होते ही लोग कई स्थानों पर अलग-अलग समूहों में इकट्ठा होकर जश्न मनाते देखे गए. इस दौरान लोगों ने अपने मित्रों तथा सगे संबंधियों को नये वर्ष की शुभकामनाएं दी.

ऐसा मानना है कि इस दिन सभी एक साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं तो साल का हरेक दिन इसी प्रकार गुजरता है. जिस कारण छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुढ़ों को उत्सव के रूप में मिलकर पार्टी करते देखा गया. प्रखंड के पंच पहाड़ी नामक पहाड़, बरनार नदी घाट, चिरैन पुल आदि विभिन्न स्थानों पर लोगों को पिकनिक करते देखा गया, जहां बड़ी संख्या में महिला, पुरुष व बच्चों ने उत्सव के रूप में पार्टी मनाया.

बताते चलें कि हरेक धर्मों में अलग-अलग दिन और महिनों में नया साल मनाने की प्रथा है. बावजूद इसके हम सभी 1 जनवरी को ही नया साल क्यों मनाते हैं? 1 जनवरी से शुरू होने वाले केलेंडर को ग्रिगोरियन केलेंडर के नाम से जाना जाता है. जिसकी शुरुआत 15 अक्टूबर 1582 में हुई. इसकी शुरुआत ईसाईयों ने क्रिसमस की तारीख निश्चित करने के लिए किया. क्योंकि ग्रिगोरियन का 10 महिनों वाला केलेंडर रुस में प्रचलन में था. लेकिन इस केलेंडर में कई गलतियां होने की वजह से क्रिसमस की तारीख एक बार कभी नहीं आया. जिस कारण अमेरिका के नेपल्स फिजिशियन एलांयसिस ने एक नया केलेंडर प्रस्तावित किया ओर इसे 24 फरवरी को राजकीय आदेश के साथ पारित करते हुए इसका नाम ग्रिगोरियन रखा गया. आज यही केलेंडर पुरी दुनिया में मशहूर है और इसी में मौजूद पहले दिन यानि 1 जनवरी को नया साल मनाया जाता है.

चंद्रदेव बरनवाल
सोनो     |      01/01/2018, सोमवार
www.gidhaur.com


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