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शनिवार, 9 सितंबर 2017

गंगरा : शिक्षक के अथक प्रयास से किसानों में जगी उम्मीद की किरण, होगा पैन पक्कीकरण

Gidhaur.com (विशेष) : इस तस्वीर पर जरा गौर फरमाइएगा, इस पैईन से न जाने कितने किसान और मजदूरों की उम्मीदें और ख्वाहिशें जुड़ी है। पर इसे इन गरीब किसानों की बदकिस्मती ही कहा जाय कि स्थानीय प्रतिनिधियों के उदासीन रवैये के कारण आज भी इस पैईन के पक्कीकरण को लेकर गरीब किसानों की झोली में सिर्फ आश्वासन ही प्राप्त हो रहे हैं।

कई महीनो से उद्धारकर्ता की बाट जोह रहा था गंगरा का सिंचाई नहर, अब दिखी उम्मीद की किरण
प्रखंड मुख्यालय के बाबा कोकिलचंद की नगरी यानि गंगरा गाँव में स्थित सिचाई नहर काफी महीनों से अपने सृजनात्मक की बाट जोह रहा था। पर इस कड़ी से काफी मशक्कत के बाद इस सिचाई पैईन के संदर्भ में माननीय जमुई सांसद और सूबे के जल संसाधन मंत्री की कलम चलने से किसानों में उम्मीद की किरण देखी जा सकती है।

क्या है माजरा
दरअसल गंगरा, जामुखरैया, बरदघट्टा, मलोनीटांड, प्रीतमटांड समेत गंगरा मुसहरी के ग्रामीणों का मानना है कि अगर पैईन का पक्कीकरण होता है तो सैंकडों बीघा जमीन की सिचाई सुविधा पूरी हो सकती है। चूँकि गांव की आधी आबादी इसी सिचाई पर आश्रित है, और इसके अधूरे निर्माण से सैकडों एकड़ जमीन परती रह जाती है। 
स्थानीय शिक्षक की रही अहम भूमिका
कहा जाता है कि एक सामाजिक बदलाव में शिक्षक की भूमिका काफी अहम होती है। समाज की दिशा और दशा को बदलने का श्रेय भी शिक्षक को ही जाता है। स्वयं जलकर, अपने रौशनी से औरों को उज्ज्वल करने वाली कवायद की नींव भी शिक्षक ही रखते हैं। उक्त गुणात्मक पंक्तियों का संग्रहण किया जाए तो गिद्धौर के धार्मिक धरोहर स्थल बाबा कोकिलचंद धाम गंगरा की प्राचीन संस्कृति के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित स्थानीय शिक्षक चुनचुन कुमार का प्रयास इस दिशा में सार्थक हो रहा है।
सांसद से मिल सौंपी थी मांग 
शिक्षक श्री चुनचुन कुमार ने जमुई लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री चिराग पासवान के समक्ष पैईन पक्कीकरण को लेकर अपना आवेदन सौपा था, जिसमे उन्होंने किसानों की हालत और हालात पर प्रकाश डालते हुए पैईन के पक्कीकरण की मांग की थी। अपने पुर्वजों के द्वारा बनाये गये धरोहर बडकी पैईन और छोटकी पैईन पर मंडराते हुए संकट से निजात दिलाने के उद्देश्य से शिक्षक चुनचुन कुमार ने दिनांक 27 जुलाई 2016 को दिल्ली जाकर जमुई सांसद श्री चिराग पासवान से  पैईन पक्कीकरण करवाने हेतु गुहार लगाया था। शिक्षक चुनचुन कुमार बताते हैं कि मैं शिक्षा के साथ-साथ खेती को भी बढ़ावा देने में प्रयासरत हूँ, ताकि हमारे देश के किसान और भी सशक्त और समृद्ध हो सकें ।
(बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री की चिट्ठी)
जवाब में मिला संसद का पत्र, कैसी और क्या रही प्रतिक्रियाएं
दिनांक 25 जून 2017 को जमुई के सांसद ने अपने पत्रांक संख्या 4044/CP/VIP/2017 के माध्यम से जमुई जिलाधिकारी को भी पत्र लिखकर इस मामले में अग्रेतर कार्यवाही करने की बात कही गयी थी। सांसद ने बिहार सरकार के जल संसाधन, योजना एवं विकास मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह को भी पत्रांक  4043/CP/VIP/2017 के माध्यम से इस कार्य को अग्रतर करने का उल्लेख किया है। जिसके बाद मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने 13 जुलाई 2017 को, सांसद को अपने पत्रांक 487 के माध्यम से बताया कि उक्त कार्य को अग्रसारित करने के लिए उन्होंने अभियंता प्रमुख, जल संसाधन विभाग, पटना को सुचना दे दी है। 
क्या है अब तक की स्थिति
विदित हो कि, इस विभाग के एस.डी.ओ. ने कुछ माह पूर्व ही इन दोंनो पैइन का सर्वेक्षण कुछ लोगों की मौजूदगी में किया था, पर वर्तमान में सभी प्रक्रियाएं सुस्त, धीमी, और निष्क्रिय दिख रही है। फिलहाल तो गंगरा के इस पैईन के निर्माण हेतु जमुई सांसद एवं बिहार के जल संसाधन मंत्री द्वारा तो सिर्फ आश्वासन ही मिला है | पर गांव के एक शिक्षक के अथक प्रयास से सैंकड़ो किसानों में उम्मीद की किरण जगी है। जिससे कि उनके परिवार को पलायन की जिंदगी से निजात मिल सकेगी। हलांकि पैईन की हालत देख कुछ प्रतिनिधित्वकर्ता तो घड़ियाली आंसू भी बहाते हैं पर उस आंसू से किसानों की उम्मीदें प्रवाहित ही नहीं होती। लिहाजा शिक्षक चुनचुन कुमार के अथक प्रयास का परिणाम है कि सांसद और सूबे के मंत्री द्वारा मिलने वाले आश्वासन से किसानों और शिक्षकों को एक सकारात्मक संदेश चरितार्थ होते मिलेगा कि अकेला चना भांड़ फोड़ सकता है। 

गिद्धौर    |     09/09/2017, शनिवार

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